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Written By सुरेश डुग्गर
Last Modified: गुरुवार, 13 जून 2019 (19:33 IST)

अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का खतरा, हो सकते हैं आईएस टाइप वोल्फ हमले

अमरनाथ यात्रा पर आतंकी हमले का खतरा, हो सकते हैं आईएस टाइप वोल्फ हमले - Amarnath Yatra IS Typ Wolf Attack
जम्मू। अनंतनाग में कल हुए फिदायीन हमले के बाद खुफिया अधिकारियों के इस रहस्योद्‍घाटन के पश्चात की अमरनाथ यात्रा इस बार आतंकी हमलों से दो-चार हो सकती है, यह यात्रा सभी के लिए अग्नि परीक्षा साबित होने जा रही है। उनके मुताबिक कई आतंकी इस टास्क को लेकर कश्मीर के भीतर घुस चुके हैं और वे यात्रा मार्गों के आसपास के इलाकों में डेरा जमाए हुए हैं। अधिकारियों का जहां तक कहना है कि आतंकी आईएस टाइप वोल्फ हमले भी कर सकते हैं।
 
दरअसल 2017 में आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा पर हमला बोलकर 9 श्रद्धालुओं की जान ले ली थी और कल हुआ फिदायीन हमला भी ठीक वैसा ही था। ऐसे में अधिकारी कहते थे कि हमले को देख लगता था कि यह अमरनाथ यात्रा पर हमले की प्रैक्टिस हो सकती है।
 
दरअसल, सीमा पार रची जा रही साजिशों से सुरक्षा एजेंसियों को पुख्ता संकेत मिल रहे हैं कि ऐसा हमला करने की फिर कोशिशें हो सकती हैं। ऐसे में जम्मू में भी सेना, बीएसएफ, पुलिस, सीआरपीएफ के शिविरों के आसपास भी सुरक्षा कड़ी कर दी है। इसके साथ अपने अपने स्तर पर बैठकें कर वरिष्ठ अधिकारियों ने सुरक्षा के हर पहलू पर गौर कर यहां ऐसे हमले नाकाम बनाने की रणनीति पर गौर किया।
 
जम्मू शहर में पहले भी आतंकी फिदायीन हमलों को अंजाम दे चुके हैं, लेकिन अधिकतर हमलों आतंकी सैन्य शिविरों में घुसकर ही अंजाम दिया है। ऐसे हालात में जम्मू में भी सुरक्षाबल चौकस हो गए हैं। सेना, सुरक्षाबलों की पूरी कोशिश है कि खुफिया एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय से आतंकवादियों के मसूंबे नकारे जाएं।
 
यात्री निवास को अगले सप्ताह तक सीआरपीएफ अपने घेरे में ले लेगी। राज्य पुलिस भी सुरक्षा में सहयोग देगी। श्रद्धालुओं की चेकिंग, सामान की जांच का जिम्मा पुलिस पर होगा। यात्रा पर रवाना होने वाले श्रद्धालुओं को एक दिन पहले यात्री निवास में प्रवेश करने की इजाजत होगी ताकि अधिक भीड़ न हो।
 
अमरनाथ यात्रा के शुरू होने में अब 17 दिनों का समय बचा है। सुरक्षाबल कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहते इसलिए एक माह पूर्व सभी तैयारियां आरंभ तो की गई थीं पर वे अभी तक अधबीच में ही हैं। एक रहस्योद्‍घाटन के मुताबिक, यात्रा मार्ग के आसपास के कई क्षेत्रों की साफ-सफाई, उन्हें बारूदी सुरंगों तथा आतंकियों से मुक्त करवाने का अभियान अभी भी अधबीच में है।
 
स्थिति यह है कि खुफिया अधिकारियों के रहस्योद्‍घाटन के बाद यात्रियों की सुरक्षा कैसे होगी, कोई नहीं जानता है और सब भोलेनाथ पर छोड़ दिया गया है।
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