मेरठ। तालिबान ने जब से अफगानिस्तान को अपने कब्जे में लिया है, तब से वहां के लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। अफगानिस्तान से जुड़े नुमाइंदे हर हाल में देश छोड़ना चाहते हैं, वहीं जो अफगानी दूसरे देशों में नौकरी या पढ़ाई कर रहे हैं, वह तालिबानियों की क्रूरता के चलते किसी भी कीमत में अपने देश नहीं जाना चाहते हैं।
मेरठ में सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे पांच छात्रों ने अपनी गुहार भारत के प्रधानमंत्री मोदी से लगाते हुए कहा है कि उनके परिवार को भारत का वीजा मिल जाए, ताकि वह सुरक्षित भारत आ सकें।
ये पांचों छात्र एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से एमएससी कर रहे हैं और तालिबान के कब्जे में अफगानिस्तान के आ जाने से बेहद दुखी हैं। साथ ही इन्हें अपने परिजनों की चिंता भी सता रही है। इन अफगानी छात्रों को अच्छी तरह हिंदी नहीं आती, वे टूटी-फूटी हिंदी बोलते हुए अपने दर्द को बयां कर रहे हैं। इन छात्रों ने जब अपने परिवार से फोन पर बातचीत की तो परिवार ने आपबीती सुनाई। जिसके बाद से इन छात्रों की चिंता परिवार के प्रति और बढ़ गई है।
मेरठ में पढ़ाई करने वाले कुंदुज शहर के निवासी टीवी बाजोरी, एत्तेहाद, बल्ख शहर के नजीब उल्ला खां और समनगान शहर के खेयरुद्दीन का कहना है कि फोन पर मां से बातचीत हुई थी और उन्होंने अभी वहां के हालात खराब बताए हैं और भारत में ही रहने की सलाह दी है।
यही सलाह सभी छात्रों के परिजनों ने अपने बच्चों को दी है। परिवार कहता है कि तालिबानियों ने चारों तरफ कब्जा कर लिया है, बाजार बंद हैं, जिसके चलते संपूर्ण अफगानिस्तान भयभीत है, पता नही जीवित रहेंगे या नहीं। जिसके बाद मेरठ में रह रहे अफगानी छात्रों के दिलों की धड़कन बढ़ गई और वे डरे और सहमे नजर आ रहे हैं।
इन छात्रों का कहना है की तालिबान के कब्जे में अफगानिस्तान आ चुका है, परिवार परेशान है और यहां पर हमारे पास पैसे खत्म हो गए हैं। वहां बाजार बंद हैं, परिवार के पास आय का साधन नहीं है, ऐसे में वो हमारी मदद कैसे करेंगे। छात्रों के परिजनों ने फोन पर यह भी बताया कि उनके सामने रोजी और रोटी का संकट खड़ा हो गया है। वहीं क्रूर आठ-दस तालिबानी घर में घुस आते हैं और रोटी बनाने का दबाव बनाते हैं।
अफगानी छात्रों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उनको सहयोग देते हुए मदद करें, दो महीने से उनको स्कालरशिप नहीं मिली है, जल्दी ही स्कालरशिप दें, ताकि उनका खर्च चल सके। वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि दो महीने बाद उनकी पढ़ाई खत्म हो जाएगी, ऐसी स्थिति में वे अपने वतन वापस नहीं जाना चाहते, इसलिए सरकार उनकी सुरक्षा की व्यवस्था भारत में करे।
फिलहाल मेरठ के कृषि विश्वविद्यालय ने अफगानी छात्रों को सुरक्षा देने का जिम्मा उठाया है। कृषि विवि के कुलपति डॉ. आरके मित्तल के अनुसार विवि में अफगानिस्तान के जो छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें यहां पर किसी तरह की समस्या नहीं होने देंगे।