दिल्ली सरकार का गैरकानूनी ई-रिक्शों पर शिकंजा, 114 रिक्शों को JCB से क्रश किया, रोज इतने रिक्शा पकड़ेंगे, ये है वजह
दिल्ली सरकार ने गैरकानूनी ई-रिक्शों पर शिकंजा कसते हुए 114 ई-रिक्शों को क्रश कर दिया। परिवहन विभाग ने यह कदम शुक्रवार को उठाया। वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर जब्त किए गए इन ई-रिक्शा को बुराड़ी में इकट्ठा करके JCB से नष्ट कर दिया गया।
परिवहन विभाग ने पकडे़ जाने के बाद अवैध ई-रिक्शा को स्क्रैप करने के मामले में नियमों में बदलाव कर दिया है। अब कंडम करने के बाद ही स्क्रैप के लिए ई-रिक्शे दिए जाएंगे। परिवहन विभाग स्वयं इन्हें अपने केंद्र में तुड़वाएगा। इसके बाद ये स्क्रैप डीलर को दिए जाएंगे। स्क्रैप डीलर के यहां से फिर से अवैध ई-रिक्शा सड़कों पर आ जाने की आशंका से यह फैसला लिया गया है। बुधवार को पहली बार पकडे़ गए ई-रिक्शा को जेसीबी से तोड़ा गया।
दरअसल, परिवहन का इस समय पूरा फोकस अवैध ई-रिक्शा पर है। इनकी वृद्धि को रोकने के लिए ही दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने जब्त किए गए गैर पंजीकृत ई-रिक्शा को सात दिनों के भीतर खत्म करने का फैसला किया है। हालांकि नियमों के तहत पंजीकृत ई-रिक्शा को स्क्रैप करने से पहले केंद्र पर रखने की अवधि 90 दिन है।
रोज 100 अवैध ई-रिक्शे पकड़े जा रहे : पहले प्रतिदिन 50 रिक्शे पकड़े जा रहे थे, मगर अब पिछले एक सप्ताह में प्रतिदिन 100 अवैध ई-रिक्शे पकड़े जा रहे हैं। विभाग को सूचना मिली थी कि कुछ ई-रिक्शा माफिया स्क्रैप डीलरों के यहां उन्हें फिर से खरीद लेने के लिए चक्कर लगा रहे हैं, जिसके बाद विभाग ने इन्हें स्क्रैप डीलरों के पास कंडम करने का फैसला किया है।
एलजी की अध्यक्षता में हुआ फैसला : यह निर्णय एलजी वीके सक्सेना की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद लिया गया था। यह मीटिंग शहर को अव्यवस्थित करने के उपायों को लेकर की गई थी। अनुमान के अनुसार, शहर में 1.2 लाख पंजीकृत ई-रिक्शा हैं। हालांकि, जमीन पर ई-रिक्शाओं की वास्तविक संख्या शायद उस आंकड़े का दोगुना है। इससे जिससे उनके अवैध प्रसार पर जांच की आवश्यकता है। एक अधिकारी ने कहा कि चूंकि अपंजीकृत ई-रिक्शाओं में नंबर प्लेट नहीं होती है और इसलिए ऑनलाइन चालान नहीं किया जा सकता है। वे सभी ट्रांसपोर्ट नियमों का उल्लंघन करते हैं। साथ ही अक्सर उन सड़कों पर चलते हैं जहां उन्हें अनुमति नहीं है। इससे ट्रैफिक धीमा हो जाता है और भीड़भाड़ होती है।
सड़क पर लोगों के लिए परेशानी : ई-रिक्शा, यात्रा का सबसे सस्ता साधनों में से एक हैं। ये साल 2012 में शहर की सड़कों पर चलना शुरू हुए थे। जल्द ही पूरे शहर में फैल गया, क्योंकि उन्होंने किफायती दरों पर लास्ट माइल कनेक्टिविटी के अंतर को पाट दिया। ई-रिक्शा अपनी मनमानी की वजह से ट्रैफिक के लिए मुसीबत बन गए। ई-रिक्शा के खिलाफ प्रमुख शिकायतें ट्रैफिक जाम और लंबे टेलबैक के लिए सड़क पर क्लस्टरिंग, बेतरतीब पार्किंग शामिल हैं।
Edited by Navin Rangiyal