बाजार में मौजूद ज्यादातर घी-तेल खराब
बाजार में उपलब्ध खाना पकाने के तेल और वनस्पति पर किए गए एक वैज्ञानिक शोध में खुलासा हुआ है कि तेल के अधिकतर ब्रांड और लगभग सभी वनस्पति ब्रांड सेवन के लिए उपयुक्त नहीं हैं, क्योंकि उनमें परा वसा (ट्रांस फेट) अम्ल की मात्रा ज्यादा पाई जाती है।सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की ओर से जारी अध्ययन में देशी घी और मक्खन सहित बाजार में उपलब्ध 30 विभिन्न तेलों की जाँच दिल्ली स्थित एक प्रयोगशाला में की गई। गैस क्रोमेटोग्राफी तथा अन्य अत्याधुनिक जाँच करने के बाद उक्त नतीजे सामने आए।सीएसई के सहायक निदेशक चंद्र भूषण ने कहा इन जाँचों के जरिये हमने हर तेल में मौजूद वसायुक्त अम्ल और हानिकारक परा वसा का पता लगाना चाहा।अध्ययन के अनुसार तेल के अधिकतर ब्रांड अपने उत्पादों में परा वसा की मात्रा बताने के लिए भ्रामक जानकारी देने के तरीके का सहारा लेते हैं और स्वास्थ्य के लिए उत्पाद को बेहतर बताने के विज्ञापनों में किए जाने वाले दावे को सही साबित नहीं कर पाते।परा वसायुक्त अम्ल से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि यह अम्ल शरीर से स्वास्थ्यप्रद कोलेस्ट्राल की मात्रा घटा देता है और महिलाओं की गर्भधारण क्षमता कम होने के खतरे को बढ़ा देता है। इस अम्ल से मधुमेह और अल्जाइमर्स बीमारी का खतरा भी बढ़ जाता है।