Last Modified: नई दिल्ली ,
गुरुवार, 16 जून 2011 (20:52 IST)
गोगोई-चिदंबरम की ब्रह्मपुत्र, उल्फा पर चर्चा
नई दिल्ली। हाल के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद तीसरी बार असम के मुख्यमंत्री बने तरूण गोगोई ने आज नई दिल्ली में गृह मंत्री पी चिदंबरम, विदेश मंत्री एस एम कृष्णा से भेंट की और पूर्वोत्तर परिषद की बैठक में शामिल हुए।
समझा जाता है कि गृह मंत्री और विदेश मंत्री से मुलाकात के दौरान चीन की ओर से ब्रह्मपुत्र नदी का प्रवाह परिवर्तित करने की खबरों, उल्फा के साथ शांति वार्ता और बांग्लादेश के साथ नदी मार्ग जैसे विषयों पर चर्चा हुई।
चीन के आश्वासन और अपनी ओर से पुष्टि की ओर ध्यान दिलाते हुए सरकार ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी के जलमार्ग की दिशा को बदला नहीं जा रहा है। सरकार ने यह भी कहा कि सीमा पार की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने यह आश्वासन उस समय दिया जब असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने उनसे मुलाकात की। गोगोई ने उनसे अनुरोध किया कि वह चीन की कथित योजना के बारे में उनके राज्य की चिंताओं से पड़ोसी देश को अवगत कराएं।
कृष्णा ने कहा, ‘मैं पहले भी कह चुका हूं और अब फिर दोहराना चाहता हूं कि हम अपने उपग्रह चित्रों तथा चीनी अधिकारियों के साथ बातचीत के जरिये घटनाक्रम पर निगाह रखे हुए हैं।’
उन्होंने कहा, ‘चीनी अधिकारियों ने हमें सूचित किया है कि यह नदी जल पर आधारित पन बिजली परियोजना है। उसमें कोई जलाशय नहीं होगा। परिणामस्वरूप जलमार्ग परिवर्तन या जल के संचयन का कोई सवाल हीं नहीं उठता।’ विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार ने परियोजना के बारे में अपने स्तर पर भी पुष्टि की है।
ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत के जरिये भारत में प्रवेश करती है। इसे असम की जीवनरेखा माना जाता है। इस बीच, असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने घोषणा की कि उल्फा और सरकार के बीच औपचारिक वार्ता इस महीने के अंत तक शुरू होगी। (भाषा)