Nagpanchami Mantra 2021 प्रतिवर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पूजा का विधान है। इस दिन को नागपंचमी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह पर्व 13 अगस्त को मनाया जा रहा है। इस व्रत के साथ एक बार भोजन करने का नियम है। पौराणिक धर्मग्रंथों के अनुसार इस दिन गैस या चूल्हे की आंच पर तवा रखना और साग-भाजी को काटना वर्जित माना जाता है। भविष्य पुराण के अनुसार नागपंचमी के दिन निम्न मंत्र का उच्चारण कर पूजन करना लाभदायी है। पढ़ें नागपंचमी पर नाग पूजन के मंत्र- 1. मंत्र- ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।। 2. मंत्र- 'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले। ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:।। ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:। ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।' अर्थात्- संपूर्ण आकाश, पृथ्वी, स्वर्ग, सरोवर-तालाबों, नल-कूप, सूर्य किरणें आदि जहां-जहां भी नाग देवता विराजमान है। वे सभी हमारे दुखों को दूर करके हमें सुख-शांतिपूर्वक जीवन दें। उन सभी को हमारी ओर से बारंबार प्रणाम हो...। 3. मंत्र- अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्। शंखपालं धार्तराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥ एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्। सायंकाले पठेन्नित्यं प्रात: काले विशेषत:। तस्मै विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥ प्रतिदिन यह मंत्र प्रात: और सायंकाल जपने से व्यक्ति को चारों दिशाओं से विजय प्राप्त होती है। और विष भय नहीं रहता है। ALSO READ: नागपंचमी 2021 : भारत के प्रमुख पौराणिक नागों के नाम ALSO READ: 13 अगस्त को है नागपंचमी: विशेष सामग्री यहां पढ़ें