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Last Modified: शुक्रवार, 28 मई 2021 (17:58 IST)

राम की अयोध्या में गायें बेहाल, भूख से तोड़ रही हैं दम...

राम की अयोध्या में गायें बेहाल, भूख से तोड़ रही हैं दम... - The condition of cows in Ayodhya is very bad
अयोध्या। आज कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के चलते जहां एक तरफ देश में हजारों लोगों की जानें रोजाना जा रही हैं, लोग इससे बेहाल होते जा रहे हैं, उनकी मुश्किल दिनोंदिन बढ़ती जा रही है, यह स्थिति कब तक ऐसी ही बनी रहेगी यह किसी को नहीं पता। केंद्र व प्रदेश की सरकारें इस पर रोकथाम लगाने में अभी सफल नहीं हो पा रही हैं वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा संचालित गौशालाएं, जहां पर बेज़ुबान जानवरों, सड़क पर घूमते जानवरों को प्रदेश सरकार के निर्देश पर पकड़कर रखा जाता है, जिनकी हालत भी बदतर होती जा रही है, इसमें रहने वाले बेज़ुबान जानवर भूखे-प्यासे मर रहे हैं।

उदाहरण के तौर पर अयोध्या जनपद की बैसिंहपुर गौशाला को ही लीजिए, जहां अव्यवस्थाओं का ऐसा अंबार लगा है कि गौवंशों की जान मुश्किल में है। अयोध्या के एक समाजसेवी रितेश दास द्वारा वायरल किए गए वीडियो ने जो सच इस गौशाला का उजागर किया है वह दुखद ही नहीं चौंकाने वाला भी है। इस वायरल वीडियो में कई गायें मरी हुई पड़ी हैं, वहीं दूसरी तरफ जेसीबी मशीन से इन मरी हुई गायों को गड्ढा खोदकर दफनाया जा रहा है।

रितेश दास ने जानकारी देते हुए बताया कि वे जब गायों को तरबूज खिलाने गौशाला पहुंचे तो उन्होंने इस दर्दनाक मंजर को अपने मोबाइल कैमरे से रिकॉर्ड किया और इसके बारे में जैसे ही जानकारी गौशाला कर्मचारियों को हुई उन्होंने वाद-विवाद शुरू कर दिया, इतना ही नहीं आगे सड़क पर उनका रास्ता रोक लिया, बड़ी मुश्किल से पुलिस के पहुंचने के बाद वे वापस लौट पाए। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब वायरल वीडियो से गौशाला का दर्दनाक सच सामने आया है इसके पहले भी कई बार गौशाला का सच लोगों के सामने आ चुका है, जिसके बाद कुछ समय के लिए स्थितियां सुधरीं, लेकिन स्थिति फिर वही ढाक के तीन पात हो गई।

रितेश दास गौशाला की स्थिति देखकर इतने भावुक हुए कि वहीं से रोते-रोते सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गौशाला की सच्चाई बताते हुए अपना दर्द बयां किया और कार्रवाई करने की मांग कर डाली माननीय महापौर जी को।रितेश दास ने कहा कि मरने के बाद जानवर को कोई पूछता भी नहीं है, योगी जी जब आपके समय यह हाल हैं तो बाकी जगह क्‍या हाल होगा, गौशाला की ऐसी दुर्दशा है कि क्या बताएं, इतनी गाय तड़प-तड़पकर मर रही हैं, करोड़ों रुपए आपके देने पर धिक्कार है, बाबा इतनी गाय मर रही हैं, भूख-प्यास से मर रही हैं, कब सुनोगे बाबा।

आपको बता दें कि नगर निगम अयोध्या द्वारा जनपद की गौशालाओं की देखरेख होती है इसीलिए हमने नगर निगम आयुक्त विशाल सिंह से जब इस बारे में पूछा तो उन्होंने वायरल वीडियो पर तो कुछ बोलने से मना कर दिया लेकिन बहुत कुछ कहते हुए भी सब कुछ ठीक-ठाक होने का दावा कर दिया। नगर आयुक्त विशाल सिंह ने कहा कि उन्होंने गौशाला प्रबंधन को लेकर बार-बार महापौर से लेकर सांसद और जनप्रतिनिधियों तक को बताया है कि निगम के ऊपर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है, निगम के पास इसके लिए दक्ष कर्मचारी नही है, गौशाला में पिछले तीन वर्षों में कई बार बड़े भ्रष्टाचार की शिकायतें आई हैं, जो अधिकारी गौशाला देख रहा था उसे हटा दिया गया है।

इतना सब होने के बाद भी नगरआयुक्त कहते हैं सब कुछ ठीक-ठाक है। मैं गौशाला प्रबंधन के विषय में बार-बार सभी लोगों को अवगत कराता रहा हूं माननीय महापौर जी को, सांसद जी को, यहां के जो सभी जनप्रतिनिधि गण हैं जिनके माध्यम से हमें कुछ प्राप्त हो सकता है, सभी को बताया है। नगर निगम द्वारा जो गौशाला प्रबंधन का कार्य किया जा रहा है उसके कारण नगर निगम के ऊपर जो अतिरिक्त बोझ है और हमारे पास जिस तरह का काम है उसके लिए दक्ष मैन पावर नहीं है लेकिन फिर भी पूरे प्रयास के द्वारा जो सबसे बड़ी गौशाला यहां बनाई गई है इसमें जो निराश्रित पशु हैं बीमार पशु हैं, बूढ़े पशु हैं, जिनको लोग अपने घर से भगा देते हैं उनको ले जाकर वहां पर हम लोग रखते हैं, पूरा प्रयास होता है कि गौवंश का ख्याल रखा जाए और जो उपलब्ध संसाधन हैं उससे प्रयास किया जाता है कि उनका बचा हुआ जीवन कष्टप्रद ना हो, उनको सूखा चारा, हरा चारा, पानी दिया जाए, इसका प्रयास हम लोग लगातार कर रहे हैं।

पिछले 3 वर्षों में मेरे यहां आने से पूर्व भी गौशाला में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की शिकायत आई हैं, जिसको हम लोगों ने आने के बाद रोका है, वहां पर रोजगार के नाम पर जिन लोगों को भर्ती किया जाता था, वह नहीं जाते थे, इससे कुछ लोग नाराज भी हैं इसलिए कई बार कुत्सित प्रयास किए जाते हैं जिसका कोई अर्थ नहीं है। गौशाला की पूरी व्यवस्था चाक-चौबंद है, साथ ही जो अधिकारी देख रहा था, उसको भी वहां से हटा दिया गया है। हम लोग कोशिश करेंगे कि गौशाला की व्यवस्था उच्चतम स्तर पर खुद देखी जाए और उसकी व्यवस्था को सुधारा जाए। 
गौशाला के वायरल वीडियो के बाद अयोध्या के साधु-संत व विपक्ष भी इस मामले पर काफ़ी उग्र हो गया है।

अयोध्या विधानसभा क्षेत्र के समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक व मंत्री तेज नारायण पाण्डेय ने सीधे तौर पर गाय की रक्षा को लेकर प्रदेश सरकार पर वार करते हुए कठघरे में खड़ा करते हुए कहा है, बैसिंहपुर गौशाला की व्‍यवस्‍था को लेकर बीते 3 वर्षों में कई बार शिकायतें हुईं और अलग-अलग मीडिया हाउसों के जरिए कई बार गौवंश की मृत्यु और दुर्दशा को लेकर खबरें भी चलीं, लेकिन कुछ दिन बाद सबकुछ वैसा का वैसा हो गया। इस बार अयोध्या के एक समाजसेवी रितेश दास द्वारा बैसिंहपुर गौशाला का सच सामने लाया गया।इसी के बाद अयोध्या के संत और पार्षद कुछ लोगों के साथ गौशाला पहुंचे और देखा तो वहां कुछ भी नहीं बदला।

इसी को लेकर अयोध्या के पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री तेज नारायण उर्फ पवन पांडे ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और गौरक्षा के साथ भगवान राम की जन्मस्थली में गायों की दुर्दशा और मौत को लेकर सीधे-सीधे योगी सरकार पर निशाना साधा और कठघरे में खड़ा कर दिया। तेज नारायण उर्फ पवन पाण्डेय (पूर्व मंत्री समाजवादी पार्टी) ने कहा कि यह नकली रामराज्य चलाने वाली सरकार नकली राम राज्य में जो गौ माता की दशा है जिस तरह से चारे और पानी की अभाव में जान दे रही हैं कम से कम 4 से 5 बार मैंने वीडियो जारी किया है। चारे और पानी के अभाव में उनकी हडि्डयां दिख रही हैं, जहां वह मरी हैं दर्जनों की संख्या में वहीं पर जमीन में जेसीबी से खोदकर उनको गाड़ दिया जा रहा है। इस सरकार में लूट चरम पर है, भ्रष्टाचार चरम पर है, अंधेरगर्दी, गुंडागर्दी चरम पर है, जनता सारी चीजें देख रही है।

अयोध्या जनपद में गौशाला की देखरेख की जिम्मेदारी नगर निगम की है लेकिन नगर निगम के आयुक्त विशाल सिंह कहते हैं कि हमने तो सभी उच्च अधिकारियों को गौशाला प्रबंधन के विषय में बार-बार अवगत कराया है पिछले 3 वर्षों में भ्रष्टाचार की कई गंभीर शिकायतें आई नगर निगम के ऊपर गौशाला को लेकर आर्थिक बोझ पड़ रहा है और हमारे पास दक्ष कर्मचारी भी नहीं है बहुत से ऐसे कर्मचारी जिनकी वहां पर नियुक्ति की गई वह वहां जाते भी नहीं इसको लेकर गौशाला की व्यवस्था देख रहे एक अधिकारी को हटाया भी गया है, इतना सब कुछ कहने के बाद भी नगर आयुक्त कहते हैं सब कुछ ऑल इज वेल है।
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