मंगलवार, 5 नवंबर 2024
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हर हिन्दुस्तानी के दिल में दहक रही आग, मांग रही पाकिस्तान से बदला

हर हिन्दुस्तानी के दिल में दहक रही आग, मांग रही पाकिस्तान से बदला। Pulwama terrorist attack - revenge from Pakistan
* प्रतिशोध की ज्वाला भड़क रही हर हिन्दुस्तानी के दिल में


 
पूरे हिन्दुस्तान को हमेशा से अपनी सेना और अपने वीर सैनिकों के शौर्य और वीरता पर गर्व है। जब भी हमारी सेना और हमारे सैनिकों पर कोई भी आंच आती है, तो पूरा देश रोता है। ऐसा ही दृश्य पुलवामा के आतंकी हमले के बाद पूरे हिन्दुस्तान में देखने को मिला। जब आतंकी हमले में 44 भारतमाता के वीर सपूत शहीद हो गए, तब 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों की आंखें नम हो गईं। शहीदों के परिजनों का रुदन सुनकर देश का हर नागरिक रो पड़ा। संपूर्ण देश शहीदों की शहादत को सलाम कर रहा है।
 
 
पुलवामा आतंकी हमले के बाद से ही संपूर्ण देश में उबाल और आक्रोश है। हर किसी के दिल में प्रतिशोध की ज्वाला भड़क रही है कि जल्द से जल्द हमारे वीर सैनिकों की शहादत का बदला लिया जाए और आतंकवाद का पोषण करने वाले पाकिस्तान को माकूल सबक सिखाया जाए जिससे कि वह आगे से ऐसी नापाक हरकतें न कर सके। हिन्दुस्तान जम्मू−कश्मीर के उड़ी में 18 सितंबर 2016 में 18 सैनिकों की शहादत का दर्द भूला भी नहीं था कि पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकवाद जैश-ए-मोहम्मद (आतंकी संगठन) ने पुलवामा में हमारे करीब 44 जांबाज वीर सैनिकों की जान ले ली।
 
 
सवाल उठता है कि किन गद्दारों की सहायता से आतंकी हमलावर आदिल अहमद डार कार में 350 किलोग्राम आरडीएक्स (विस्फोटक) लेकर सीआरपीएफ जवानों के 78 वाहनों के काफिले में पहुंचा? इससे भी बड़ा सवाल है कि आतंकियों को कैसे खबर लगी कि पुलवामा से सीआरपीएफ जवानों के 78 वाहनों का काफिला गुजर रहा है? यह सब सवाल अन्वेषण का विषय है और इस पर हमारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) काम भी कर रही है। निश्चित रूप से आने वाले समय में इस आत्मघाती हमले की सभी परतें खुलेंगी और देश के गद्दारों पर कड़ी कार्रवाई भी होगी।
 
 
सितंबर 2016 में तो उड़ी हमले के बाद तो आतंकवाद का पोषण करने वाले पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी जिसमें पाकिस्तान के कई आतंकवादी व पाकिस्तानी सेना के जवान मारे गए थे। लेकिन पुलवामा हमले के बाद से लगता है कि आज बड़े पैमाने पर आतंकवाद के खात्मे की जरूरत है। इसके लिए जरूरत है कि भारत सरकार बड़े स्तर की कार्रवाई कर कश्मीर और आतंकवाद का पोषण करने वाले पाकिस्तान में आतंकवाद का खात्मा करे।

 
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले से ये तो साफ हो गया है कि आतंकवादी, उनके समर्थक (अलगाववादी) और आतंकवादियों का पोषण करने वाला कायर पाकिस्तान पीठ पीछे ही हिन्दुस्तान पर हमला कर सकते हैं, क्योंकि उनमें हिन्दुस्तान की वीर सेना के साथ सामने से युद्ध करने कि हिम्मत ही नहीं है। पाकिस्तान हमेशा से ही पीठ पीछे से ही हिन्दुस्तान की पीठ में छुरा घोंपता आया है।
 
सबसे पहले हिन्दुस्तान को आतंकवाद से लड़ने के लिए जरूरत है कि घर में छुपे हुए 'जयचंदों' को पृथक किया जाए, जो कि देश में वीवीआईपी बने घूमते हैं और इसी दिशा में सरकार का सबसे बड़ा कदम जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस लेना है। कहा जाए तो देश में जितने भी आतंकवादी हमले होते हैं, इन्हीं अलगाववादी नेताओं की शह पर होते हैं, जो कि हर कदम पर आतंकवाद और उसके आका देश का समर्थन करते हैं। एक अनुमान के अनुसार कश्मीरी अलगाववादी नेताओं को दी जाने वाली सुरक्षा पर प्रतिवर्ष 3 से 5 करोड़ की राशि या उससे ज्यादा खर्च हो जाती है। इस खर्चे में उन सुरक्षाकर्मियों के वेतन को शामिल नहीं किया गया है, जो इन अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में तैनात रहते हैं।

 
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर में कहा था कि आतंक का पोषण करने वाले पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई से पैसा लेने वाले लोगों को मिली सुरक्षा की समीक्षा होगी। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में कुछ लोगों के आईएसआई और आतंकी संगठनों से रिश्ते हैं। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार का ये कदम सराहनीय और स्वागतयोग्य है। आतंकवादियों और पाकिस्तान का समर्थन करने वाले ये अलगाववादी नेता भारत का ही खाते हैं, लेकिन गाते पाकिस्तान का हैं।

 
लेकिन पुलवामा के आतंकवादी हमले के बाद हमारा आक्रोशित देश कुछ और बड़े कदम चाहता है। इसी कड़ी में मोदी झांसी में कह चुके हैं कि सरकार ने सुरक्षाबलों को आगे की कार्रवाई तय करने के लिए समय क्या हो, स्थान क्या हो और स्वरूप क्या हो, ये सभी फैसले लेने की इजाजत दे दी है। पुलवामा में आतंकियों और उनके आकाओं ने जो हैवानियत दिखाई है, उसका पूरा हिसाब लिया जाएगा। पुलवामा में आतंकियों ने जो हमला किया, उससे हर भारतीय आक्रोश में है। हमारे वीर जवानों ने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है। उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

 
जिस प्रकार से मोदी ने इस हमले की निंदा की है और वे हर जगह देश के लोगों को आश्वस्त करते हुए कह रहे हैं कि इस हमले के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इससे लगता है कि जल्द ही मोदी सरकार सख्त कार्रवाई करेगी और देशविरोधी तत्वों और आतंकियों के मुंह पर तमाचा मारेगी। इसके लिए प्रधानमंत्री देश के सुरक्षाबलों को खुली छूट देने की बात पहले ही झांसी में कह चुके हैं। अगर ऐसा होता है तो आतंकवाद का पोषण करने वाले पाकिस्तान जैसे देश और उसकी गलत बातों का सहयोग करने वाले लोगों और उसका समर्थन करने वाले देशों के मुंह पर एक तमाचा होगा।

 
जिस भारतीय सेना के शौर्य और वीरता से भारत 1948, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में पाकिस्तान को धूल चटा चुका है, हमारी वह वीर सेना हर स्तर पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खात्मे के लिए तैयार है। वतन की सुरक्षा के मामले में खून का बदला खून होता है इसलिए देखने वाली बात यह होगी कि कैसे भारतीय सेना अपने वीर सैनिकों की शहादत और देश के 130 करोड़ लोगों के दिलों में दहक रही आग का बदला लेगी? लगता है कि निश्चित रूप से आने वाले कुछ दिनों में आतंकवाद और दुश्मनों के खात्मे के लिए कुछ बड़ा होने वाला है।
 
।।जय हिन्द, जय भारत।।
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