इरफान खान : अभिनय की दुनिया के रोशन सितारे, बहुत याद आएंगे आप...
इरफान खान....गहरी नशीली आंखें,ठहरी आवाज़, सुस्थिर व्यक्तित्व... अपनी तरह का एक अलग ही प्यारा सा इंसान...माना कि वो बॉलीवुड में चल रहे हीरो जैसा नहीं था पर उसके चुम्बकीय व्यक्तित्व में कुछ ऐसा था जो बरबस जोड़ लेता, सम्मोहित कर लेता....
अभिनय ऐसा जैसे सरल तरल पारदर्शी पानी, कहीं कोई बहने या कहने का प्रयास नहीं सब कुछ अनायास ही घटित होता जाता... लगता ही नहीं कि पर्दे पर दिख रहा बंदा अभिनय कर रहा है किरदार को उसके पूरे वजूद के साथ स्थापित कर देता था। ये 'था' शब्द बहुत कड़वा है लेकिन सच इसी का भाई है।
दिल को मना रही हूं कि मान ले कि तुम्हारा चहेता कलाकार इस दुनिया से रुखसत कर चुका है। बेटे बाबिल और अयान के साथ पत्नी सुतापा सिकदर को छोड़कर....
इरफान खान की मां जयपुर में चल बसी तो लॉक डाउन के चलते वे अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे। दुख और भावुकता के पलों में इरफान अपने आपको संभाल नहीं सके और अंततः अम्मी के पास जाने का रास्ता ही चुन लिया।
मुझे हमेशा से संघर्षों से आगे बढ़े सितारे मोहते हैं उनमें इरफान भी थे... अभी तो सफलता सही मायनों में हाथ आई थी अभी तो ठहर कर उसका स्वाद लेने का वक़्त आया था कि अचानक कैंसर हो गया।
इरफान विजेता बनकर लौटे फिल्में निपटाई..पर मां के जाने का दर्द सहन नहीं कर पाए।
टूट गया एक सितारा... बुझ गई एक चमकीली रोशनी, मंद हुआ आकाश में अभिनय का सूरज...
कितनी कितनी संभावनाएं अभी बची थी ,कितना कुछ अभी हमें उनको देना था, उनकी बेजोड़ कला हमें देखनी थी। सब थम गया है, उनके थमे हुए गहरे व्यक्तित्व की तरह...
यह खबर बहुत कड़वी है... नहीं उतर रही गले.. पर सच यही है कि इरफान हमारे बीच नहीं रहे। दुआ यही है कि जहां में जहां भी वे रहें अल्लाह उन्हें सुकून अता फरमाए... दुनिया में बहुत कम लोग ऐसे हैं जिनके न होने की कल्पना भी पलकों की कोर को नम कर देती है...इरफान आप उन्हीं में से एक थे। अल्लाह हाफ़िज़ अभिनय की दुनिया के रोशन सितारे, बहुत याद आएंगे आप...