सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल बना अयोध्या मामला
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है, जो कि एक नवीन भारत निर्माण के लिए मील का पत्थर साबित होगा। सर्वोच्च न्यायालय ने सत्यता के आधार पर अपना निर्णय दिया, जिसे दोनों पक्षों ने खुले दिल से स्वीकार किया। यह किसी की पराजय या विजय नहीं है।
राम जन्मभूमि का यह मुद्दा कई वर्षों से चला आ रहा था, इस पर राजनीति की रोटियां सेंकी जा रही थीं। इसे सुप्रीम कोर्ट ने अपने विवेकपूर्ण फैसले से हमेशा के लिए खत्म करके दो समुदायों के बीच की कड़वाहट पर पूर्णविराम लगा दिया है। फैसले में इस बात का पूरा ध्यान रखा गया केस में सही न्याय हो।
कोई भी मुद्दा ऐसा नहीं होता है जिसे सुलझाया न जा सके, परंतु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो मुद्दे को सुलझाने की बजाए उलझाने का काम ज्यादा करते हैं। इस प्रकार के लोग धर्म के नाम पर लोगों को बहकाकर अपना उल्लू सीधा करते हैं। जिस प्रकार एक सड़ी हुई मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है, उसी प्रकार कुछ मतलबी लोग पूरे समाज को नफरत की दलदल में धकेलकर अपने गलत मंसूबे को बल प्रदान करते हैं।
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सांप्रदायिक सद्भाव की अनोखी मिसाल बन गया है। मुस्लिम समुदाय भी इस फैसले का खुलकर समर्थन कर रहे हैं, जो कि देश की एकता के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यहां के लोगों में सही-गलत की परख हो रही है और लोग समझ चुके हैं कि कुछ शरारती एवं मतलबी लोग अपने फायदे के लिए धर्म के नाम पर भोले-भाले लोगों को गलत रास्ते पर चलने के लिए उकसाते हैं। प्रत्येक संप्रदाय में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो जाति और धर्म के नाम पर लोगों को भ्रमित करने में ही अपना हित देखते हैं।
देखा जाए तो इस फैसले के बाद हिन्दू-मुस्लिम भाइयों ने एक-दूसरे की भावना को बेहतर तरीके से समझा। आज देश को एकजुटता की जरूरत है क्योंकि कोई भी देश तभी मजबूत होगा, जब वहां रहने वाले लोगों में आपसी तालमेल और सामंजस्य हो। लोग किसी भी जाति या धर्म के क्यों न हो, उनमें देश का हित सर्वोपरि होना चाहिए। जब भारतवासियों में देशहित की भावना प्रबल होगी तो कोई भी ताकत इस देश की अखंडता को छिन्न-भिन्न नहीं कर सकती।
वर्तमान समय में सचमुच हर्षित और उत्साहित होने का वक्त है, जिसमें हिन्दू और मुस्लिम भाइयों ने मिलकर नकारात्मक और असुरी शक्तियों को आपसी सद्भाव और प्रेम से करारा चांटा मारा है, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी न की होगी। सभी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पूरा सम्मान दिया। ऐसे में पूरी दुनिया में भारत अनेकता में एकता की मिसाल बनेगा, जो देशवासियों के लिए गर्व का विषय होगा।