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2019 आशा, उम्मीद, आकांक्षा और अपेक्षा का वर्ष

2019 आशा, उम्मीद, आकांक्षा और अपेक्षा का वर्ष - 2019 year of hope
- आशीष वर्मा
कैलेंडर के अनुसार नए साल का पहला माह तो खत्म होने को है, परंतु वास्तविक रूप से इस साल का बचा हुआ समय हम भारतीयों के लिए बहुत बहत्वपूर्ण होने वाला है। हम सभी अपने काम-धंधे के अलावा राजनीति, क्रिकेट और हिन्दी फिल्मों में बहुत दखल रखते हैं या यूं कहें ‍कि इन तीनों विषयों पर सबसे ज्यादा चर्चा होती है। राजनीति, क्रिकेट और हिन्दी फिल्मों के लिए साल 2019 बड़ा निर्णायक साबित हो सकता है।


राजनीति : चुनावी राजनीति के हिसाब से तो यह साल महत्वपूर्ण है, क्योंकि लोकसभा चुनाव बस होने ही वाले है, जिसकी तैयारी सभी दलों ने शुरू भी कर दी है। विभिन्न दल आपसी मतभेद होने के बावजूद एकत्रित हो रहे हैं, अच्छी बात है होना भी चाहिए। सभी दल खुद को पूर्ण बहुमत मिलने का दावा भी करने लगे हैं, आने वाले लगभग 100 दिनों के अंदर यह फैसला भी हो जाएगा कि किस दल की सरकार बन रही है जो आने वाले पांच सालों में भारत का भविष्य लिखेगी।

राजनीति की हकीकत : सभी दल एक-दूसरे के साथ एकत्रित हो रहे हैं एक-दूसरे को हराने के लिए। चुनावी समर में ज्यादा से ज्यादा सीटें जितने के लिए। राजनीति का स्तर हम सभी देख रहे हैं, दिनोंदिन गिरता ही जा रहा है। ऐसा आभास होने लगा है कि नैतिक मूल्यों कहीं खोने से लगे हैं। पिछले कुछ महीनों में भारतीय राजनीति में एक परिवर्तन देखने में आया है, जिसमें चुनाव जीतकर सरकार बनाना ही सबसे बड़ी प्राथमिकता रह गई है।

राजनीति से उम्मीद : हम सभी को उम्मीद है की ये सभी दल एकत्रित होकर भारत के बारे में सोचेंगे, विचार करेंगे, योजनाएं बनाएंगे कि :
• आखिरी पंक्ति में खड़े नि:शक्त को सशक्त कैसे बनाया जाए।
• अन्नदाता को सक्षम कैसे बनाया जाए।
• बेटियों को सुरक्षित कैसे रखा जाए।
• हर इंसान के पास पीने का पानी कैसे पहुंचाया जाए।
• हर व्यक्ति को कुशल कैसे बनाये जाए ताकि सब्सिडी और लोन माफ़ी की ज़रुरत हो नहीं पड़े।
• सस्ता और उचित इलाज कैसे उपलब्ध कराया जाए।

क्रिकेट : यहां भारत में चुनाव खत्म होंगे, नई सरकार बनने की तैयारियां चल रही होगी और वहां इंग्लैंड में विश्व कप शुरू होगा। एक और विषय जो भारतीय को एक सूत्र में जोड़ता है। इंग्लैंड में होने वाला विश्व कप वैसे भी चुनौतीपूर्ण होता है, ऊपर से 130 करोड़ देशवासियों की उम्मीद इसे और महत्वपूर्ण बना देती है। विश्व कप का उन्माद सदैव चरम पर होता है। भारत के मैच के दिन बाजार खाली होते हैं,  ऑफिसों में किसी का मन नहीं लगता, सभी का पूरा ध्यान मैच पर ही लगा होता है।

क्रिकेट की हकीकत : क्रिकेट एक खेल ही है और विश्व कप में भी केवल 10-12 टीमें ही खेलती हैं। पिछले कुछ सालों में विशेषकर भारतीय टीम के खेल में बहुत परिवर्तन देखने को मिला है, जुझारूपन और अंत तक हार न मानने की जुनून इस टीम का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है। दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान सभी अच्छा क्रिकेट खेल रहे हैं, इंग्लैंड तो घर में हमेशा से अच्छा ही खेलती रही है और विश्व कप जैसे टूर्नामेंट में सभी टीम अपना पूरा जोर लगाती हैं। तो किसी को कम नहीं आंक सकते, किस दिन कौन-सी टीम अच्छा खेल जाए और सारे समीकरण बिगड़ जाएं, कोई नहीं जनता।

भारतीय क्रिकेट से उम्मीद : सभी को उम्मीद है कि भारतीय टीम एक बार फिर विश्व कप जीतकर आए, इसके पीछे कई कारण भी हैं-
• टीम की जीतने की भूख। 
• अनुभवी सलामी जोड़ी। 
• विराट फैक्टर (कप्तान और नंबर 3 बल्लेबाज के रूप में) 
• धोनी का अनुभव और फूर्ति।
• तेज गेंदबाजों का सही लय में होना।
• स्पिन में पर्याप्त विकल्प होना।

हिन्दी फिल्में : वैसे तो साल में 52 शुक्रवार होते हैं और हर शुक्रवार को हिन्दी फिल्में रिलीज़ होती ही हैं, क्रिकेट विश्व कप के अंतिम दौर में पहुंचते ही देश में त्योहारों का मौसम शुरू हो जाएगा, जो फिल्मों की रिलीज़ के हिसाब से सबसे अच्छा समय मन जाता है। सभी सितारे अपनी अपनी फिल्मों लेकर आएंगे जिनमें से कुछ ही होंगी जिन्हें दर्शकों का प्यार मिलेगा।

हिन्दी फिल्मों की हक़ीक़त : पिछले कुछ सालों का आंकलन करें तो मालूम पड़ता है कि आजकल दर्शक विषय से प्रभावित होकर ही फिल्मों को देखने का मान बना रहे हैं। बड़े-बड़े सितारे को उपस्थिति का अब कोई असर नहीं पड़ता। इसका उदहारण रेस 3, ठग्स ऑफ़ हिन्दोस्तान, जीरो, यमला पगला दीवाना फिर से, आदि फिल्में रहीं। वहीं दूसरी ओर स्त्री, बधाई हो, राज़ी, अंधाधुन, सीक्रेट सुपरस्टार जैसी कई फिल्में रहीं जिन्होंने तारीफों के साथ-साथ भरपूर दर्शक भी बटोरे।

हिन्दी फिल्मों से उम्मीद : Content is King, इंटरनेट की प्रसिद्ध कहावत है। यह इस साल हिन्दी फिल्मों के लिए भी सभी साबित हो सकती है, दर्शक को निश्चित ही उम्मीद होगी :
• नए विषयों पर फिल्में देखने को मिलेंगी।
• संवेदनशील मुद्दों को भी उठाया जाएगा।
• नए सितारों का उदय होगा। 
• नई तकनीक के सहारे पायरेसी को रोका जाएगा।

2019 आशा, उम्मीद, आकांक्षा और अपेक्षा : कहने के लिए तो 2019 एक और साल ही है, परंतु भारत के लिए भविष्य की दिशा और दशा तय करने वाला साल साबित हो सकता है, आने वाली पीढ़ियों का भविष्य इस साल पर निर्भर हो सकता है। किस पार्टी को सत्ता मिलेगी, और उसकी प्राथमिकताएं क्या होंगी, किन योजनाओं पर काम करेंगे।

भारत क्रिकेट विश्व कप जीत जाता है तो क्रिकेट की लोकप्रियता निश्चित ही अपने चरम पर होगी, पैसा और लोकप्रियता दोनों के हिसाब से। हिन्दी फिल्में किस दिशा में जाएंगी? ये सब देखना महत्वपूर्ण होगा।
अभी तो 2019 से नवनिर्माण की आशा, उम्मीद, आकांक्षा और अपेक्षा है।
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