• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. वामा
  3. मातृ दिवस
  4. poem on mother
Written By

मदर्स डे पर छोटी सी कविता : ईश्वरी माटी से गढ़ी मां

मदर्स डे पर छोटी सी कविता : ईश्वरी माटी से गढ़ी मां - poem on mother
-बबीता कड़ाकिया
 
ईश्वरी माटी से गढ़ी मां
आपके कहे अनुसार मां को
चार पंक्तियों में समेट कर लाई हूं,
चारों दिशा, चारों धाम,
जन्नत की सैर कर आई हूं ,
ईश्वरीय अनुपम मिट्टी से गढ़ी
कायनात की अनोखी कृति मेरी ‘मां’
उसके चरणों तले, स्नेह से पगी हुई
हर पल जिए जा रही हूं ‘मैं’... 
ये भी पढ़ें
मां, तुम रोशन करती हो अंधेरों को : मदर्स डे पर कविता