सोमवार, 2 अक्टूबर 2023
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मदर्स डे 2023 : कविता, शायरी, निबंध, लेख, इतिहास, कहानी और कोट्स सहित विशेष सामग्री एक साथ

शनिवार,मई 13, 2023
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14 मई को जब हम मां के लिए देश भर में मदर्स डे मना रहे होंगे तब एक बार उन मां पर नजर जरूर डालिए जो अकेली चट्टान की तरह खड़ी है अपने बच्चों के लिए लेकिन जर्जर हो चुकी व्यवस्था उन के लिए ऐसी रूकावट बन रही है जिसका किसी के पास से समाधान नहीं मिलता... ...
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हमारे समाज में सिेंगल मदर को लेकर हर जगह अजीब सा व्यवहार किया जाता है जबकि कानून ने उन्हें कई अधिकार दे रखे हैं। कानून ने महिलाओं को मजबूती दी है लेकिन समाज की मानसिकता और व्यवस्था की जर्जरता आज भी सिंगल मदर के प्रति सहयोगी नहीं बन सकी है। मदर्स डे ...
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एक समय ऐसा आता है जब आप अपनी मां के डायलॉग से भली-भांति परिचित हो जाते हैं। लगातार उन वाक्यों को सुनकर आप पहले ही समझ जाते हैं कि अब हमारी मां यह बोलने वाली हैं। यहां प्रस्तुत हैं भारतीय माताओं के वह प्रचलित या पेटेंट डायलॉग जिन्हें आपने अवश्य सुना ...
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आप कई बार अपनी मां को साड़ी या जेवेलरी गिफ्ट कर चुके होंगे और अब कुछ नया गिफ्ट करना चाहते हैं तो हमारे पास आपके लिए रोचक आईडिया है। अगर आपकी मां को खाना बनाने का शोक है या आप अपनी मां का किचन में समय बचाना चाहते हैं तो आप अपनी मां को ये 5 किचन आइटम ...
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Happy mothers day : वर्ष 2023 में 14 मई को मदर्स डे मनाया जा रहा है। मदर्स डे के दिन मां के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर उनके प्यार और स्नेह के लिए धन्यवाद दिया जाता है। वैसे तो माताओं के प्रति प्यार और सम्मान हर पल ही मन में होता है लेकिन इस एक दिन उसे ...
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तब मां तुम बहुत याद आती हो जब दिल में दर्द उठता है ख्वाबों का महल टूटता है जब आस कहीं छूटती है और चोट कहीं लगती है सच, मां तुम बहुत याद आती हो Hindi Poem Hindi kavita Maa par
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मां की थपकी नींद की गोली, मां ही मेरा चंदा सूरज है। मां का काजल मेरा गहना, मां ही मेरा डिठौना है। नज़र लगे ना मुझको कभी, मां राई मिर्ची सुरक्षा है।best poem for Mother's Day 2023 in hindi
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आंखों में स्नेहयुक्त लालसा के साथ जब तुम्हें तकता पाती हूं सच कहती हूं तब तुम मुझको मां नहीं लगती. अब भी हो तुम अटल स्थान पर अपने, आंचल से अपने बुहार कर पगडंडियों को राहें बनाती, दिशा ज्ञान कराती. देखती हूं जब तुम्हें नींव का पत्थर ...
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मां की पिटारी याद बहुत आती है, मां की वो पिटारी कहने को मां का घर पूरा अपना था पर मां का पूरा संसार उस पिटारी में बसता था
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बाबूजी थे अविचल जैसे हिम्मत भरा पहाड़ , लहराता था आंचल बन के मां का लाड़ दुलार , अब की बार मायके लौटी तो वो देहरी पर प्रतीक्षारत दो आंखें कहीं नहीं दिखाई दी।वो होती तो दीवारे बोल उठती, आंगन बतियाता, सीढ़ियां गलबहियां डालें छ्त तक ले जाती। किसी कोने ...
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Mother's Day Quotes : समय समय पर महापुरुषों ने मां के बारे में अपने सुविचार व्यक्त किए हैं। उन्हीं अनमोल वचनों को एकत्र किया है खास आपके लिए...mother's day quotes in hindi
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मां मेरी सखी थी एक सखी मेरी दुनिया में सबसे प्यारी थी वो सबसे न्यारी मेरे जन्म से पहले हम एक-दूजे के हो गए भूल दुनिया को जैसे हम गए। पाकर मुझे वो थी प्रफुल्लित अपार दिन हो रात बस लुटाती प्यार ही प्यार सब नाज़ो नखरे मेरे वो उठाती लेकर ...
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क्यों न आप इस मदर्स डे अपनी मां को हेल्थ चैकअप गिफ्ट करें। हमारी मां को उम्र के साथ health checkup की जरूरत है ताकि वह स्वस्थ रहे तो चलिए जानते हैं कुछ जरूरी medical tests के बारे में जो आपकी मां को जरूर करवाना चाहिए। Mother’s Day 2023
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मां, मां कलम है, दवात है, स्याही है, मां, मां परमात्मा की स्वयं एक गवाही है। मां, मां त्याग है, तपस्या है, सेवा है, मां, मां फूंक से ठंडा किया हुआ कलेवा है। मां, मां अनुष्ठान है, साधना है, जीवन का हवन है, मां, मां जिंदगी के मोहल्ले में आत्मा का भवन ...
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मैं फूल हूं उसकी बगिया का जिसे देखकर वह मुस्काती थी मेरी हर हरकत को देख देख वह मन ही मन खिल जाती थी हर हवा का रुख पहचानती थी मुझको आंचल से ढक लेती थी छोटी सी पीड़ा पर भी वो यूं नजर उतारा करती थी फिर एक दिन एक मुसाफिर का उस फूल पर दिल मचलाया ...
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भाग्यशाली हूं मैं बहुत आप मेरी मां हो.... मणिकर्णिका घाट सी पवित्र जिसमें मैं अपने सारे दर्द को विसर्जित कर सुकून पा जाती मां आप अंतहीन संघर्ष का अंत मां आप मेरी सुबह की आवाज गुनगुनी धूप गांव की सांझ ... Poem about Mother in Hindi
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मां तुम जीवन आधार मां संरक्षण की अभेद्य दीवार घुट्टी संग पिलाती संस्कार वात्सल्य,अमृत जीवन का मां तुम जीवन आधार। Poem on mothers day 2023
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मां तू बहुत याद आती हौले से चपत लगाकर के सूरज संग मुझे जगा देती जो मेरे सपने सजाती थी वो सपनों में क्यूं समा गई ए मां ! तू बहुत याद आती
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माँ!! मां, तू गर थोड़ा समझाती, मां, गर थोड़ा तू घबराती। तो अपने भविष्य की इबारत भी अपने हाथों से लिख जाती। हम नन्हे-नन्हे बच्चे थे। मति के थोड़े कच्चे थे। पर दिल के पूरे सच्चे थे। तू तो अल्हड़, दीवानी थी। सारी दुनिया से अनजानी थी। तेरे ...
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