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Last Modified: गुरुवार, 24 दिसंबर 2020 (20:47 IST)

'मीटू' मामला : एमजे अकबर ने अदालत से कहा- होटल में रमानी से नहीं मिला था...

'मीटू' मामला : एमजे अकबर ने अदालत से कहा- होटल में रमानी से नहीं मिला था... - MJ Akbar told the court- did not meet journalist Priya Ramani in the hotel
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष कहा कि उस होटल में उनकी और पत्रकार प्रिया रमानी के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई थी, जहां रमानी ने अपने साथ यौन दुव्यर्वहार किए जाने का आरोप लगाया है।

अकबर ने रमानी के खिलाफ खुद के द्वारा दायर आपराधिक मानहानि की एक शिकायत की अंतिम सुनवाई के दौरान यह दलील दी। दरअसल, रमानी ने अकबर पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 20 साल पहले उसके (रमानी के) साथ उस वक्त यौन दुराचार किया था, जब वह एक पत्रकार के तौर पर काम कर रही थी। रमानी ने सोशल मीडिया पर 2018 में चली ‘मीटू’ मुहिम के मद्देनजर अकबर के खिलाफ ये आरोप लगाए थे।

अकबर की ओर से अदालत में पेश होते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने कहा, जिस वक्त किसी मुलाकात से इनकार कर दिया गया, उसके आगे सवालों की जरूरत ही नहीं है। कोई सुझाव वांछित नहीं है। होटल में मुलाकात होने की बात से इनकार किया जाता है।

उन्होंने कहा, घटना के किस हिस्से पर गौर नहीं किया गया है? उन्होंने कहा है कि शिकायतकर्ता ने मुलाकात टाल दी थी। जब मैंने (अकबर) ने मना कर दिया था, तब इस पर गौर नहीं करने का मुद्दा कहां से आता है।उन्होंने कहा, जब अकबर ने मुलाकात होने की बात से इनकार कर दिया है, तब यह सवाल ही नहीं उठता है कि सोफा का रंग नीला था या गुलाबी था...यह कहना पूरी तरह से गुमराह करने वाला है कि मैंने गौर नहीं किया।

अकबर की वकील ने कहा, आपने (रमानी ने) कोई तारीख, होटल, रजिस्टर, सीसीटीवी या कार पार्किंग में प्रवेश के लिए टिकट को साबित नहीं किया है। आपने कुछ भी साबित नहीं किया है। उन्होंने कहा कि देर से लगाए गए आरोपों को कानून की अदालत में स्वीकार नहीं किया जाता है।

उन्होंने कहा, कानून का शासन और नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत कहते हैं कि आप सोशल मीडिया पोर्टल पर 30-40 साल बाद आरोप नहीं लगा सकते और किसी व्यक्ति से कहें कि यह हुआ था। जिम्मेदार होना होगा और साक्ष्य भी देना होगा। बहरहाल, सुनवाई किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची और अदालत चार जनवरी को फिर से कार्यवाही शुरू करेगी।

अकबर ने पूर्व में अदालत से कहा था कि रमानी को सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ यौन दुराचार के आरोप लगाने के बजाय कानूनी रास्ते का सहारा लेना चाहिए था। रमानी ने 18 दिसंबर को अदालत में आरोप लगाया था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि की अपनी शिकायत में साफ-सुथरी छवि के साथ अदालत का रुख नहीं किया।

अकबर द्वारा रमानी के खिलाफ दायर शिकायत की सुनवाई के दौरान रमानी की वकील रेबेका जॉन ने अपनी मुवक्किल की ओर से अंतिम दलील पूरी करते हुए यह कहा था। रमानी की वकील ने कहा था कि अकबर के खिलाफ उनकी मुवक्किल के आरोप, जो 2018 में सोशल मीडिया पर चली ‘मीटू’ मुहिम के मद्देनजर लगाए गऐ थे, उनकी सच्चाई हैं और यह लोगों के भले के लिए लगाए गए।

उल्लेखनीय है कि अकबर के कथित यौन उत्पीड़न का जिक्र करने के लिए 20 से अधिक महिलाएं आगे आई थीं, जिन्होंने उनके तहत पत्रकार के तौर पर काम किया था। वहीं अकबर ने अपने खिलाफ ‘मीटू’ मुहिम के दौरान यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिलाओं के आरोपों से इनकार किया है।

अकबर ने इन आरोपों को झूठा, मनगढ़ंत और अत्यधिक परेशान करने वाला बताया था। उन्होंने कहा था कि वह इन लोगों के खिलाफ उपयुक्त कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं। अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी। उन्होंने 17 अक्टूबर 2018 को केंद्रीय मंत्री के तौर पर इस्तीफा दे दिया था।(भाषा) 
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