शुक्रवार, 6 सितम्बर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. वीमेन कॉर्नर
  3. चाइल्ड केयर
  4. How to teach good touch and bad touch to your kids
Written By WD Feature Desk
Last Modified: गुरुवार, 5 सितम्बर 2024 (08:18 IST)

Parenting Tips: बच्चों को गुड टच और बेड टच में समझाना है अंतर, तो इन टिप्स की लें मदद

जानिए बड़े होते बच्चों के पेरेंट्स कैसे सिखाएं उन्हें ये ज़रूरी लेसन

kids social skills
How to teach good touch and bad touch to your kids : बड़े होते बच्चों के पेरेंट्स अपने बच्चों को समझदार बनाने के लिए काफ़ी चिंतित होते हैं। आज के समय में बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में समझाना बहुत ज़रूरी है। आइए जानते हैं बच्चों को किस तरह से सरल और आसान भाषा में गुड और बैड टच के बीच फर्क समझाना चाहिए ताकि वे अपनी सुरक्षा कर सकें। ALSO READ: क्या बच्चों के लिए कूल पैरेंट्स बनना सही है? जानिए टीनएज में कैसे रखें बच्चों का खयाल

शरीर के अंगों के बारे में बताएं
सबसे पहले ज़रूरी है कि आप अपने बच्चों को उनके शरीर से भालीभाती परिचित करवाएं । बच्चों को उनके शरीर के अंगों के नाम बताएं और उन्हें समझाएं कि कौन से अंगों को छूना ठीक है और कौन से नहीं। उन्हें कहें अगर कोई आपके प्राइवेट अंग को छूता है, तो यह गलत है। ऐसे में बच्चे को अपने माता पिता से बात करना चाहिए।

खुलकर बात करें
माता पिता को अपने बच्चों के साथ खुलकर बात करनी चाहिए,  ताकि वे आप पर भरोसा कर सकें और अपनी किसी भी समस्या को आसानी से आपसे शेयर कर सकें। बच्चे को ये समझाएं कि उसके शरीर पर सिर्फ उसीका अधिकार है इस पर किसी और का हक नहीं है ऐसे में अगर कोई आपके शरीर को छूता है, तो यह गलत है। साथ ही माता पिता को अपने बच्चों को भरोसा दिलाना चाहिए ।

उन्हें समझाएं कि अगर उनके साथ कुछ भी गलत होता है, तो वे बिना किसी डर के अपने माता पिता या फिर अपने आस पास मौजूद किसी अच्छे भरोसेमंद इंसान को जरूर बताएं।

कहानियों के माध्यम से समझाएं
बच्चे कहानियों के माध्यम से जल्दी सीखते हैं। अपने बच्चे को समझाने के लिए आप कहानियों का सहारा भी ले सकते हैं। इसके अलावा आप बच्चे के टीचर से भी बात कर सकते हैं, ताकि बच्चा स्कूल में इन चीजों को सीख जाए।

बच्चों को सेफ सर्कल बना कर बताएँ
बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में सरल और आसान भाषा में समझाने के लिए आप उन्हें उदाहरण देकर समझा सकते हैं। आप उन्हें सेफ सर्कल बना कर समझा सकते हैं।
सेफ सर्कल के दायरे में वे लोग आते हैं जो बच्चे के नज़दीक और उनके लिए सुरक्षित हैं जैसे माता-पिता या दादा दादी।


ये भी पढ़ें
जानिए मोटापे का सेक्स लाइफ पर कैसे पड़ता है असर, क्या कहते हैं विशेषज्ञ