मंगलवार, 1 जुलाई 2025
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Written By WD

नई माँ की मालिश

बच्चों की मालिश
ND
स्त्रियों को अपनी मालिश स्वयं न करके कुशल दाई या घर की अन्य महिला से करवाना चाहिए। स्त्रियाँ खुले स्थान में मालिश नहीं कर सकतीं, फिर भी बन्द कमरे में हवा और प्रकाश का होना जरूरी है। विशेष परिस्थिति या संकटकालीन स्थिति में आवश्यक होने पर पति को पत्नी की मालिश करना चाहिए।

प्रसव के बाद कुशल दाई या अन्य अनुभवी स्त्री से डेढ़-दो माह तक प्रसूता की मालिश अवश्य कराई जानी चाहिए, ताकि प्रसूता के शरीर की शिथिलता और कमजोरी दूर हो सके। गर्भ के फैलाव और दबाव के कारण पेट, कमर और कूल्हे की त्वचा, ढीली पड़ जाती
है जो मालिश से पुनः चुस्त और सुगठित हो जाती है। देह भी चुस्त-दुरुस्त, सुगठित और सशक्त होती है तथा त्वचा कान्तिपूर्ण होती है।

जिन स्त्रियों को अपनी देहयष्टि और सुगठित रखने की इच्छा हो, उन्हें तो नियमित रूप से मालिश करवाना ही चाहिए। यह उनके लिए हलका व्यायाम भी है और शरीर को पुष्ट, ठोस और सन्तुलित रखने का अचूक उपाय भी।