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Written By विशेष प्रतिनिधि
Last Modified: बुधवार, 17 अगस्त 2022 (18:29 IST)

संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से शिवराज का बाहर होना 2023 से पहले मध्यप्रदेश भाजपा में बड़े बदलाव के संकेत?

संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से शिवराज का बाहर होना 2023 से पहले मध्यप्रदेश भाजपा में बड़े बदलाव के संकेत? - Shivraj exit from Parliamentary Board and Election Committee is a sign of big change in Madhya Pradesh BJP before 2023?
भोपाल। भाजपा संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाहर होने के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति का सियासी पारा अचानक से गर्मा गया है। शिवराज सिंह चौहन जो बतौर मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश में अपनी चौथी पारी खेल रहे है वह 2013 से भाजपा की सबसे शक्तिशाली कमेटी संसदीय बोर्ड के सदस्य थे। ऐसे में अब जब मध्यप्रदेश चुनावी मोड में आ चुका है और मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के महज एक साल से कुछ अधिक समय शेष बचा है तब शिवराज का संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से बाहर होने के सियासी गलियारों में कई मयाने निकाले जा रहे है।

भाजपा कार्यालय में चर्चाओं का दौर- भाजपा संसदीय बोर्ड औऱ चुनाव समिति से शिवराज सिंह चौहान को हटाने का फैसला उस वक्त आया जब प्रदेश भाजपा दफ्तर में मिशन 2023 को लेकर पार्टी के सभी विधायकों, सभी सांसदों और पार्टी के सभी जिला अध्यक्षों की बैठक पार्टी राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश ले रहे थे। नए संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति को लेकर जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा से सवाल किया गया है तो उन्होंने विषय की जानकारी होने से ही इंकार कर दिया। इसके साथ भाजपा दफ्तर पहुंचे भाजपा के अन्य दिग्गज नेता इस मुद्दें पर कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से बचते नजर आए।

2023 में बदल जाएगा चेहरा?-भाजपा संसदीय बोर्ड और चुनाव समिति से मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान को हटाए जाने के बाद सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि मध्यप्रदेश में 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा किसके चेहरे पर चुनाव लड़ेगी। गौरतलब है कि 2018 का विधानसभा चुनाव भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर लड़ा था और चुनाव में भाजपा सीटों के मामले में कांग्रेस से पिछड़ गई थी और राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी। ऐसे में सवाल यह है कि भाजपा क्या फिर से शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर चुनावी मैदान में जाएगी?

पिछले दिनों मध्यप्रदेश में हुए निकाय चुनाव में भाजपा के सात नगर निगमों में हार का सामना करना पड़ा था। नगर निगम के चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए लिटमस टेस्ट थे और मुख्यमंत्री और पार्टी संगठन ने निकाय चुनाव में अपनी पूरी ताकत भी झोंकी थी लेकिन सात नगर निगम भाजपा के हाथ से निकल जाने से पार्टी की विधानसभा चुनाव की तैयारियों के काफी बड़ा झटका माना गया था।

मध्यप्रदेश से सटे छत्तीसगढ़ में भाजपा ने मिशन 2023 को लेकर एक सप्ताह के अंदर  पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को बदल चुकी है,ऐसे में सवाल है कि शिवराज सिंह चौहान को संसदीय बोर्ड से बाहर कर मध्यप्रदेश में भाजपा ने 2023 विधानसभा से पहले बड़े बदलाव के संकेत दे दिए है?
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