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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : शनिवार, 4 जुलाई 2020 (11:06 IST)

MP Board 10th Result 2020 : एमपी बोर्ड के 10वीं के नतीजे कुछ देर में, बच्चों के लिए पैरेंट्स रखें इन बातों का ध्यान

MP Board 10th Result 2020 : एमपी बोर्ड के 10वीं के नतीजे कुछ देर में, बच्चों के लिए पैरेंट्स रखें इन बातों का ध्यान - MP Board 10th Result 2020 will be announced today
भोपाल। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल की 10 वीं बोर्ड के नतीजें आज घोषित होने जा रहे है। कोरोना के चलते इस साल 10 वीं और 12 वीं बोर्ड के नतीजें अलग-अलग घोषित हो रहे है। दोपहर 12 बजे बोर्ड इस साल के 10 वीं बोर्ड के नतीजे ऑनलाइन जारी करेंगे। हाईस्कूल के नतीजें  www.mpresults.nic.in, www.mpbse.mponline.gov.in, www.mpbse.nic.in,  https://www.fastresult.in पर देखे जा सकेंगे।

इसके साथ परीक्षा परिणाम मोबाइल ऐप पर भी देखे जा सकते हैं। गूगल प्ले स्टोर पर एमपीबीएसई मोबाइल ऐप एम.पी. मोबाइल एवं फास्ट रिजल्ट एप पर एवं विण्डो एप स्टोर पर एम.पी. मोबाइल एप पर परीक्षा परिणाम देखे जा सकते हैं। कोरोना के चलते इस 10 वीं की परीक्षा में दो विषयों में छात्रों का जनरल प्रमोशन दिया गया है। इस बार 10 वीं की परीक्षा में 11 लाख से अधिक छात्रों ने परीक्षा दी थी। 
 
एक्सपर्ट की  सलाह – हाईस्कूल के रिजल्ट का स्टूडेंट्स को ब्रेसबी से इंतजार होता है। मनोचिकित्सक और काउंसलर डॉक्टर सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं कि हाईस्कूल बोर्ड सामान्य तौर पर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है, इसकी वजह पहली बार बच्चा अपने रिजल्ट को एक मनौवैज्ञानिक दबाव अपने आप महूसस करने लगता है ऐसे में जब आज कोरोना काल में बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पहले से बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ा है है एमपी बोर्ड के रिजल्ट को लेकर माता-पिता को और अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
 
सामान्य तौर पर रिजल्ट को लेकर बच्चों के मन एक अलग तरह की एंजाइटी होती है और वह अपने नंबरों और परसेंटेज को लेकर बहुत अधिक चिंतित होते हैं और अचानक से बच्चों में अनिद्रा और घबराहट की शिकायतें बहुत बढ़ जाती है। ऐसे में पैरेटेंस की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है और उनको बच्चों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। 

परीक्षा परिणाम को लेकर स्टूडेंट में आमतौर पर तनाव बहुत देख जाता हैं, ऐसे में जब मन मुताबिक रिजल्ट नहीं मिलने से जब तनाव एक स्तर से उपर बढ़ जाता है तब बच्चे डिप्रेशन में चले जाते है। ऐसे में बेहद जरूरी हैं कि रिजल्ट के बाद बच्चों के तनाव को कम किया जाए। 
 
काउंसलर डॉक्टर सत्यकांत बच्चों को सलाह देते हुए कहते हैं कि रिजल्ट को लेकर दबाव में आने की जरूरत नहीं है। एग्जाम में आने वाले परसेंट या नंबर एक मानव निर्मित क्राइटेरिया है और जो रिजल्ट आया है उसको एक्सेप्ट करें।
 
कोरोना काल में सामान्य तौर पर हम सभी किसी न किसी तरह एक डिप्रेशन के वातावरण से घिरे हुए है, ऐसे में आज आ रहे कोरोना और लॉकडाउन के चलते बच्चे काफी लंबे समय से घरों में ही और वह अपने दोस्तों से भी नहीं मिल पा रहे है जहां वह खुलकर अपने मन की बात कह कर अपने को हल्का महसूस करते है। सामान्य तौर पर इस उम्र में बच्चें अपने माता पिता से भी खुलकर अपनी बातें नहीं कह पाते या संकोच करते है, ऐसे में अब जब रिजल्ट आने शुरु हो गए तब माता-पिता की जिम्मेदारी बहुत बढ़ गई है।