मध्यप्रदेश में लंपी ने ली 336 पशुओं की जान, क्या पशुपालन विभाग की लापरवाही है बड़ी वजह?
- मप्र में लापरवाही से फैला लंपी वायरस
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पशुपालन विभाग में 2600 से ज्यादा पद रिक्त
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336 पशुओं की गई जान, टीकाकरण में कमी
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पशु चिकित्सक प्रतिनियुक्ति पर
भोपाल। मध्यप्रदेश में अब तक 20,874 पशु लंपी वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 18,351 पशु रोग मुक्त हो चुके हैं। वहीं, 336 पशुओं की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार की सतर्कता और प्रभावी उपायों से प्रदेश में लंपी रोग के प्रकोप पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। कहा जा रहा है कि प्रदेश में लंपी फैलने का एक कारण पशु चिकित्सकों की पिछड़ा वर्ग विभाग में प्रतिनियुक्ति भी है।
मध्यप्रदेश किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता केदार शंकर सिरोही ने वेबदुनिया के साथ बातचीत में कहा कि कई स्थानों पर पशुओं की जान जा रही है, पशु ठीक भी हो रहे हैं लेकिन उन्हें तकलीफ बहुत हो रही है। दुधारू पशुओं का दूध कम हो रहा है, प्रोडक्टिविटी घट हो रही है। इससे डर का माहौल है। सरकार ने लोगों से गोबर के कंडे पर नीम का धुआं करने को कहा। यह हमारा ट्रेडिशनल सिस्टम है, हम कर लेंगे। सरकार का काम है वैक्सिनेशन करना है। मध्यप्रदेश में 4 से 5 करोड़ पशु हैं, लेकिन हर जिले में केवल 5 से 7 हजार पशुओं का ही टीकाकरण किया गया। आवारा पशुओं की देखभाल के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए।
पशु चिकित्सक प्रतिनियुक्ति पर : पशुपालन विभाग में पहले ही 2600 से 2700 स्थान रिक्त हैं। जिन पशु चिकित्सकों को फील्ड पर होना चाहिए वह पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग सहित अन्य विभागों में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। पशुपालन विभाग में पशु चिकित्सकों की कमी होने के बाद भी विभाग ने उन्हें किस आधार पर प्रतिनियुक्ति पर अन्य विभाग में पदस्थ करने की अनुमति प्रदान की है?
उन्होंने सवाल किया कि लंपी बीमारी फैलने के बाद सरकार ने कोई रोडमैप जारी नहीं किया। सरकार ने यह नहीं बताया कि बीमारी के लिए कितना बजट जारी किया, किस माध्यम से दिया और इसे कैसे खर्च कर रहे हैं? इस समय सभी को टेक्निकल सपोर्ट की जरूरत थी, वैक्सीन की जरूरत थी। ये तो आत्मनिर्भर बना रहे हैं। अगर गौमाता को ही आत्मनिर्भर बना देंगे तो इस बार गौमाता भी इन्हें आत्मनिर्भर बना देगी।
भगवान भरोसे गोवंश : सिरोही ने आरोप लगाया कि इन्होंने बजट नहीं दिया, डॉक्टर मलाईदार विभागों में प्रतिनियुक्ति पर गए हैं, कोरोना की तरह यहां भी थाली ताली बजाने जैसे काम करा रहे हैं। गाय को भगवान भरोसे छोड़ दिया है और भगवान को राजनीति के भरोसे।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कहा कि मध्य प्रदेश में लंपी वायरस की बीमारी से बहुत पशुओं की मृत्यु हो रही है। पशुपालन विभाग के अधिकांश पशु चिकित्सक पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ हैं। वहीं यह विभाग अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है।
दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि मध्यप्रदेश में तेजी से फैल रहे लंबी वायरस पर शीघ्र नियंत्रण करने के लिए अन्य विभागों एवं पिछड़ा वर्ग में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ पशु चिकित्सकों की सेवाएं विभाग को वापस करते हुए इस महामारी से बेजुबान पशुओं को बचाने का कष्ट करें।