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Last Modified: शनिवार, 13 जुलाई 2024 (10:42 IST)

इंदौर में नाइट कल्चर खत्म होना क्या पुलिस-प्रशासन की विफलता नहीं?

इंदौर में नाइट कल्चर खत्म होना क्या पुलिस-प्रशासन की विफलता नहीं? - Is the end of night culture in Indore not a failure of the police and administration?
इंदौर में लगातार बढ़ते अपराध और ड्रग के अवैध कारोबार के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर नाइट कल्चर खत्म कर दिया है। शुक्रवार को कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश के बाद इंदौर के निरंजनपुर चौराहे से राजीव गांधी चौराहे तक 11.45 किलोमीटर तक के इलाके की रात भर खुले रहने वाले मार्केट को बंद कर दिया गया।

नाइट कल्चर का क्यों हुआ विरोध?-13 सितंबर 2022 से इंदौर में नाइट कल्चर की शुरुआत होने से ही इसका विरोध हो रहा था। इसका सबसे बड़ा कारण था कि जैसे ही इंदौर में रातभर दुकानें खुलने लगीं, वैसे ही अपराध मे लगातार इजाफा होने लगा। नाइट कल्चर की आड़ में बार और पब जहां देर रात तक खुलने लगे वहीं शहर में ड्रग का अवैध कारोबार भी बढ़ने लगा।

सोशल मीडिया पर आए आए दिन मारपीट, हमले और शराब पार्टी के वीडियो वायरल होने लगे। पिछले दिनों वायरल हुए कई वीडियो में लड़कियां भी शराब के नशे में विवाद करते हुई दिखाई दी। जिसके बाद इंदौर के जनप्रतिनिधियों के साथ स्थानीय संस्थाओं ने नाइट कल्चर के विरोध में सुर बुलंद किए। कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में लगातार बढ़ती घटनाओं के लिए नाइट कल्चर को जिम्मेदार बताया और कई बार इसको बंद करने की बात कही। शुक्रवार को भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ बैठक में कैलाश विजयवर्गीय ने इस मुद्दें को प्रमुखता से उठाया और मुख्यमंत्री ने तत्काल नाइट कल्चर बंद करने का एलान कर दिया।

पुलिस कमिश्नर सिस्टम पर भी सवाल-इंदौर में लगातार बढ़ते अपराध के लिए सिर्फ नाइट कल्चर का कसूरवार ठहराना भी गलत होगा। इंदौर में कानून व्यवस्था को ठीक करने के लिए ही पुलिस-कमिश्नर प्रणाली लागू की गई थी। पुलिस कमिश्नर प्रणाली में अफसरों की बड़ी फौज में मैदान में उतारी गई लेकिन इंदौर में लगातार अपराध बढ़ते गए।

पिछले दिनों जिस तरह भाजपा नेताओं की हत्या हुई वह सीधे-सीधे पुलसिया सिस्टम पर सवाल उठाती है। क्या इंदौर के अपराधियों में पुलिस का डर नहीं है। इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद हालात नहीं सुधरे, जबकि लूट, हत्या और डकैती जैसे गंभीर अपराध बढ़ रहे हैं। इंदौर के लोगों को रात में घर से निकलने पर डर लगने लगा है। अपराधी खुलेआम हथियार लेकर घूम रहे हैं, ड्रग का कारोबार खुलेआम चल रहा है, चौराहे-चौराहे ड्रग बेची जा रही है लेकिन पुलिस के अफसर मानों अपनी आंखे मूंद कर बैठे हुए है।

इंदौर में नाइट कल्चर खत्म करने के फैसले से क्या पुलिसिया तंत्र पर सवाल नहीं उठते है। लगभग दो साल पहले जब मिनी मुंबई कहने जाने वाले इंदौर में नाइट कल्चर की शुरुआत की गई थी तो इंदौर को आईटी हब बनाने के साथ बंगलुरु जैसे बनाने के सपने देखे गए थे, लेकिन सिर्फ बढ़ते अपराध और ड्रग के अवैध कारोबार के चलते नाइट कल्चर को खत्म कर दिया है। ऐसे मे सवाल यह भी उठता है कि स्वच्छता में सिरमौर इंदौर की पुलिस आखिर क्यों नहीं अपराधियों के नेटवर्क को नेस्तनाबूद कर इंदौर की जनता को अमन और शांति दे पाई।  
 
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