भोपाल। मध्यप्रदेश में पिछले 9 दिनों से भारी बारिश का दौर जारी है। भारी बारिश की वजह से नई जिलों में जनजीवन पर बुरा असर पड़ा है। नदियां उफान पर है और गलियों में पानी भरा हुआ है। मौसम विभाग ने इंदौर, उज्जैन समेत मध्यप्रदेश के 51 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है। बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर प्रदेश के 8 जिलों में स्कूलों में आज भी छुट्टी घोषित कर दी गई है।
लगातार बारिश ने बढ़ाई परेशानी : मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश अब लोगों की परेशानी का सबब बन गई है। सड़कें पानी से लबालब है और कई घरों में पानी घुस गया है। नदियां उफान पर है और पानी पुल के ऊपर से बहर रहा है। इस वजह से कई रास्ते बंद है। मंदसौर के पशुपतिनाथ मंदिर में एक बार फिर शिवना नदी का पानी घुस गया। मल्हारगढ़ में भी बारिश की वजह से हाल बेहाल है।
6 दिन से मोरटक्का पुल बंद : भारी बारिश की वजह से नर्मदा नदी उफान पर है। इस वजह से पिछले 6 दिनों से मोरटक्का पुल पर यातायात बंद है। बड़वाह में नर्मदा नदी 164 मीटर पर बह रही है। उज्जैन में शिप्रा, मंदसौर में शिवना और शाजापुर में चीलर नदी भी उफान पर है।
इंदौर में टूटा 10 साल का रिकॉर्ड : सितंबर के 13 दिन में इंदौर में 12 इंच पानी गिर गया। इस तरह शहर में पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड टूट गया। इससे पहले 1985 में सितंबर में 33 इंच बारिश हुई थी। शहर में अब तक 45 इंच बारिश हो चुकी है।
यहां बारिश की संभावना : मौसम विभाग शनिवार को भी होशंगाबाद, बैतूल, हरदा, भोपाल, रायसेन, राजगढ, विदिशा, सीहोर, सागर, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, इंदौर, धार, खंडवा, खरगोन, अलीराजपुर, झाबुआ, बडवानी, बुरहानपुर, अनूपपुर, डिंडोरी, उमरिया, शहडोल, उज्जैन, रतलाम, देवास, शाजापुर, आगर, नीमच, मंदसौर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, दतिया, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, बालाघाट, छिंदवाडा, सिवनी, मंडला, श्योपुर, भिंड और मुरैना में भारी बारिश की आशंका व्यक्त की है।
स्कूलों की छुट्टी : भारी बारिश की चेतावनी के चलते इंदौर, रतलाम, उज्जैन, खंडवा, अलीराजपुर, उमरिया, खरगोन और गुना के स्कूलों में जिला प्रशासन ने छुट्टी घोषित कर दी है। मौसम विभाग ने इन जिलों में आगामी 24 घंटों में भारी से अति भारी बारिश की आशंका व्यक्त की है।
फसलों पर असर : लगातार हो रही भारी बारिश ने किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। सोयाबिन की फसल पर इसका बुरा असर पड़ रहा है। फसलों को अब धूप की आवश्यकता है लेकिन बारिश की वजह से सोयाबिन अब सड़ने लगी है।
मौसम विभाग के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में 9 दिन पहले कम दबाव का क्षेत्र बना था। यह सिस्टम 3 दिन तक ओड़िशा में सक्रिय रहा। बाद में यह उत्तर पूर्वी क्षेत्र में सक्रिय हो गया। पिछले 6 दिनों से यह पूरे मध्यप्रदेश में फैल गया है। फिलहाल 3 से 4 दिन राहत की कोई उम्मीद नहीं है।