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Last Updated : सोमवार, 14 जून 2021 (18:24 IST)

अनोखा जन्‍म: गिर प्रजाति की गाय ने थारपारकर बछड़े को दिया जन्‍म

अनोखा जन्‍म: गिर प्रजाति की गाय ने थारपारकर बछड़े को दिया जन्‍म - Cow, gir cow, tharparkar cow
भोपाल। राजधानी भोपाल में बनी देश की दूसरी सबसे बड़ी अत्याधुनिक सेक्स सॉर्टेड सीमन प्रोडक्शन प्रयोगशाला में गिर प्रजाति की गाय ने थारपारकर बछड़े को भ्रूण प्रत्योरोपण तकनीक से जन्म दिया है। जिसे दुग्ध क्रांति के क्षेत्र में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। स्वस्थ और उच्च स्तरीय थारपारकर बछड़े के बड़े होने के बाद प्रदेश में इस नस्ल की बछियों का प्रचुर उत्पादन हो सकेगा।

दरअसल, थारपारकर प्रजाति की गाय सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय मानी जाती है। ऐसे में गिर प्रजाति की गाय द्वारा थारपारकर प्रजाति के बछड़े का जन्म देना एक बड़ा और सफल प्रयोग माना जा रहा है। थारपारकर गाय मूल रूप से राजस्थान में पाई जाती है। इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बहुत अच्छी होती है। यह गाय सूखे और चारे की कमी की स्थिति में भी छोटे जंगली वनस्पति पर निर्वहन कर लेती है लेकिन संतुलित आहार व्यवस्था से इसकी दुग्ध उत्पादन क्षमता अधिक बढ़ जाती है।

थारपारकर नस्लीय गौ-वंश की पशुपालन और डेयरी संस्थानों में काफी मांग बनी रहती है। भोपाल प्रयोगशाला का उद्देश्य देश की परंपरागत उस उच्च गौ-वंश नस्लों का संरक्षण करते हुए संवर्धन करना है. प्रयोगशाला में वितरण के लिये 20 हजार से अधिक फ्रोजन सीमन स्ट्रॉ तैयार किये जा चुके हैं। इस प्रयोग के बाद अब मध्य प्रदेश में भी थारपारकर गाय की नस्ल तैयार की जाएगी।

जबकि आने वाले समय में प्रयोगशाला में गिर, साहीवाल, थारपारकर गाय और मुर्रा भैंस आदि उच्च अनुवांशिक गुणवत्ता की 90 प्रतिशत बछिया ही उत्पन्न की जायेंगी। बछियों की संख्या अधिक होने से दुग्ध उत्पादन में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी होगी और किसानों-पशुपालकों को बेहतर आमदनी होगी।
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