मध्यप्रदेश में सर्वे के बाद कांग्रेस ने 60 से अधिक सीटों पर तय किए उम्मीदवार!, कर्नाटक की तर्ज पर चुनाव तारीखों के एलान से पहले घोषित होंगे नाम
भोपाल। कर्नाटक की तर्ज पर मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस चुनाव की तारीखों के एलान से पहले अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है। चुनाव की तैयारी जुटी कांग्रेस ने ग्राउंड सर्वे के आधार पर उम्मीदवारों की नामों की पहली सूची लगभग फाइनल कर ली है। प्रदेश कांग्रेस कमलनाथ की ओर से कराए गए सर्वे की रिपोर्ट के आधार पार्टी ने 60 से अधिक सीटों पर सिंगल नाम फाइनल कर लिए है और पार्टी की तरफ से इन उम्मीदवारों क पूरी ताकत के साथ विधानसभा चुनाव लड़ने की हरी झंडी दी जा चुकी है।
भोपाल में पुरानों के साथ नए को मौका-भोपाल जिले की सात विधानभा सीटों में से 3 पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है। इनमें भोपाल दक्षिण-पश्चिम से पीसी शर्मा, भोपाल मध्य से आरिफ मसूद और भोपाल उत्तर विधानसभा सीट से आरिफ अकील वर्तमान में विधायक है। पार्टी इस बार भी इन तीनों विधायकों को चुनावी मैदान में उतरने की हरी झंडी दे दी है। हलांकि भोपाल उत्तर से कांग्रेस विधायक आरिफ अकील का स्वास्थ्य करणों से चुनाव लड़ने पर कुछ संशय है, ऐसे में पार्टी भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद को भोपाल उत्तर शिफ्ट कर सकती है।
इसके साथ कांग्रेस भाजपा के कब्जे वाली भोपाल की नरेला विधानसभा सीट से युवा नेता मनोज शुक्ला को उतारने का मन बना चुकी है। पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे में मनोज शुक्ला का नाम सबसे आगे है और मनोज शुक्ला लगातार क्षेत्र में सक्रिय है। वहीं कांग्रेस की असली चुनौती गोविंदपुरा और बैरसिया विधानसभा सीट है। पार्टी ने इन दोनों सीटों की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सौंपी है। गोविंदपुरा से पार्टी रविंद्र साहू या दीप्ति सिंह को मौका दे सकती है। दीप्ति कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता है और दिग्विजय सिंह खेमे से आती है। वहीं रविंद्र साहू भी गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय है और टिकट की दावेदारी कर रहे है।
ग्वालियर में गढ़ बचाने के लिए पुरानों पर दांव-ग्वालियर जिले की 6 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस वर्तमान में 4 सीटों पर काबिज है। ग्वालियर और ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट वर्तमान में सत्तारूढ़ दल भाजपा के पास है और भाजपा के दोनों ही विधायक सरकार में मंत्री है। ऐसे में कांग्रेस विधानसभा चुनाव में चारों सीटों पर अपने वर्तमान विधायकों को फिर से मौका देने की तैयारी में है। इनमें ग्वालियर पूर्व से सतीश सिकरवार, ग्वालियर दक्षिण से प्रवीण पाठक. भितरवार से लाखन सिंहं और डबरा से सुरेश राजे का नाम शामिल है।
वहीं ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा सीट से पार्टी प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष अशोक सिंह या बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए साहिब सिंह गुर्जर मे से किसी एक को मौका दे सकती है। वहीं ग्वालियर विधानसभा सीट से मंत्री प्रद्युम्मन सिंह तोमर के सामने पार्टी किसी नए ठाकुर चेहरे को उतार सकती है।
इंदौर में पुरानों पर भारी नए चेहरों की दावेदारी-इंदौर जिले की 9 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को टिकट फाइनल करने में सबसे अधिक चुनौतियों का समाना करना पड़ रह है। 9 विधानसभा सीटों से तीन राउ,देपालपुर और इंदौर से पार्टी वर्तमान विधायकों को मौका देने की तैयारी में है। वहीं नगर निगम चुनाव में भाजपा के गढ़ इंदौर-2 विधानसभा में सेंध लगाने वाले चिंटू चौकसे या राजू भदौरिया को पार्टी विधानसभा चुनाव में उतार सकती है। वहीं इंदौर 3 से कांग्रेस के टिकट दावेदार पूर्व विधायक अश्विन जोशी और पूर्व मंत्री महेश जोशी के बेटे दीपक पिंटू जोशी टिकट के तगड़े दावेदार है। 2018 में पिंटू जोशी टिकट के दावेदार थे लेकिन अश्विन जोशी उन पर भारी पड़ गए थे। अब अश्विन जोशी 2013 और 2018 का चुनाव हार चुके है, इसलिए उनकी टिकट दावेदारी कमजोर है और पार्टी पिंटू जोशी को मौका दे सकती है। वहीं इंदौर 5 से दिग्गज नेता सत्यनारायण पटेल टिकट के तगड़े दावेदार है। वहीं कांग्रेस नेता स्वप्निल कोठारी भी अपनी दावेदारी कर रहे है। पार्टी इन दोनों में किसी एक को मौका दे सकती है। वहीं सांवेर से पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू की बेटी रीना बोरासी को कांग्रेस मौका देने की तैयारी में है। रीना बोरसी पिछले दिनों राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में सांवेर में काफी सक्रिय भी थी।
दिग्गज वर्तमान विधायकों को फिर मिलेगा मौका-कांग्रेस में आंतरिक तौर पर कराए गए सर्वे में पार्टी करीब 50 सीटिंग विधायकों को टिकट देने की हरी झंडी दे चुकी है। वहीं 40 से अधिक विधायकों को टिकट पर पार्टी में संशय है। विधानसभा चुनाव में पार्टी लगभग अपने सभी दिग्गज चेहरों को उनकी पंरपरागत सीट से मैदान में उतार कर इन नेताओं को अन्य सीटों की जिम्मेदारी देने जा रही है। इसनें नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल और जयवर्धन सिंह जैसे नेताओं के नाम शामिल है। इसके साथ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को पूरे प्रदेश में सांमजस्य बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।
सर्वे के आधार टिकट पर मोहर –प्रदेश में सत्ता की वापसी की कोशिश कर रही कांग्रेस में सर्वे के आधार पर टिकट तय हो रहे है। सर्वे में कमलनाथ का फोकस उन विधानसभा सीटों पर है जहां पर पार्टी पिछला चुनाव हार गई थी। ऐसे में कमलनाथ ऐसी सीटों पर मजबूत उम्मीदवार की तलाश के लिए सर्वे को तरजीह दे रहे है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने टिकट के दावेदारों को साफ कर दिया है कि स्थानीय स्तर से सर्वे में जिस उम्मीदवार का नाम निकलकर आएगा, उसको ही टिकट दिया जाएगा।
इसके साथ सर्वे के जरिए कमलनाथ प्रदेश में जिलों और अंचल के हिसाब से स्थानीय मुद्दों की तलाश कर रहे है जिसके सहारे पार्टी उन को चुनावी मुद्दा बना सके और चुनाव स्थानीय मुद्दों पर ही लड़ा जा सके। इसके लिए कमलनाथ विंध्य,महाकौशल, मालवा और ग्वालियर-चंबल में अलग-अलग सर्वे एजेंसियों से सर्वे करा रहे है। कमलनाथ सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर पार्टी की चुनावी रणनीति तैयार कर रही है और सर्वे में सामने आए मुद्दों को तरजीह देते हुए पार्टी जिला स्तर पर अपना वचन पत्र बना रही है।