भोपाल जिला पुलिस अधीक्षक जयदीप प्रसाद ने उस पत्र को जाँछ के लिए संबंधित थाने भेज दिया है, जिसमें स्थानीय बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. रवीन्द्र जैन की हत्या के लिए दो लाख रुपए की सुपारी देने का जिक्र है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार प्रो. जैन को यह गुमनाम पत्र गत 20 अप्रैल को उनके दफ्तर के पते पर मिला था। उन्होंने इसे पुलिस अधीक्षक प्रसाद को सौंप दिया था। प्रसाद ने इसे जाँच के लिए बागसेवनिया थाना पुलिस को अपने निर्देश के साथ भेज दिया है। जरूरत पड़ने पर कुलपति को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।
बताया जाता है कि दो पृष्ठों के इस पत्र में कुलपति प्रो. जैन को संभलकर रहने की चेतावनी देते हुए लिखा गया है कि वह विश्वविद्यालय की व्यवस्था सुधारने में ज्यादा रुचि नहीं लें।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पत्र के लिफाफे पर कोलार डाकघर की सील है तथा पते की जगहें कुलपति एवं उनके दफ्तर का नाम और गोपनीय लिखा है। उसमें भेजने वाले का कोई नाम और पता नहीं है।
पत्र में प्रो. जैन के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया है। पत्र में कहा गया है कि वह विश्वविद्यालय के सुधार का ठेका नहीं लें, सुधार का ज्यादा प्रयास करने पर वह जान से हाथ धोने को तैयार रहें क्योंकि उनके नाम की सुपारी दो लाख रुपए में दी जा चुकी है।
धमकी भरे इस पत्र को लेकर कुलपति प्रो. जैन का कहना है कि विश्वविद्यालय में सभी कार्य नियमों के अनुसार चल रहे हैं। किसी से हमारी कोई रंजिश भी नहीं है। पत्र का मामला पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है। सुरक्षा के लिए पुलिस से हमने कोई माँग नहीं की है।