छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के कांगेर घाटी में पाए जाने वाले करीब चार सौ पौधों के नामों की सूची बनकर तैयार हो रही है।
अधिकृत सूत्रों के मुताबिक कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में पाये जाने वाली वनस्पतियों का सर्वेक्षण करने के लिए एक विशेषज्ञ की सेवा ली जा रही है। राजस्थान से आए विशेषज्ञ डॉ. अमित कोटिया पिछले साल से सर्वेक्षण कर रहे हैं।
वनस्पति शास्त्री डॉ. कोटिया ने बताया कि वह साल में तीन बार आकर पार्क के विभिन्न इलाकों का सर्वेक्षण करते हैं और इस दौरान वह इनकी पहचान करते हैं। उन्होंने बताया कि अलग-अलग सीजन में अलग-अलग पौधों के फूल आते हैं और फूलों से ही इनकी पहचान की जाती है। इसी वजह से अलग-अलग सीजन में यहाँ सर्वेक्षण किया जा रहा है।
डॉ. कोटिया ने बताया कि पार्क में कई दुर्लभ प्रजातियों के पौधे भी पाए गए हैं। इनमें स्टेरियोस, स्पर्मम, सिवना, आरोजायलम, डिनेलिया, व्हाईटेक्स, ओकना, सारकोस्टेमा आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि उद्यान में सल्फी, केरियोटा यूरेन्स के पेड़ तेजी से सूख रहे हैं। इसकी वजह पता नहीं है। अब घाटी में इनकी संख्या बहुत कम हो गई है।