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Written By वार्ता
Last Modified: दंतेवाड़ा , शनिवार, 2 मई 2009 (11:15 IST)

'जेल ब्रेक' के मामले में जेलर बरी!

दंतेवाड़ा जेल
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा 'जेल ब्रेक' के मामले में जेल के जेलर को सत्र न्यायालय ने बरी कर दिया है और अन्य 77 अभियुक्तों पर आरोप नियत कर दिए हैं। सत्र न्यायाधीश प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए जेलर भुवनेश्वर मानकर को आरोपों से मुक्त कर दिया।

सुनवाई में अन्वेषण के दौरान मामले के एकमात्र साक्ष्य को अधिवक्ता अशोक जैन ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। साक्ष्य ने कहा कि 16 दिसंबर 2007 को दंतेवाड़ा जेल से 299 कैदियों के भागने की घटना के दौरान जेलर मानकर जेल में मौजूद नहीं थे।

साक्ष्य ने कहा कि अभियुक्त नक्सली बंदी सुजीत मंडावी और उसके साथी 67 नक्सली बंदियों ने उप जेल दंतेवाड़ा के आंतरिक गेट के प्रहरी राजकुमार पर हमला किया। हमले के बाद सुजीत ने शास्त्रागार से रायफल लूटने के बाद बंदियों को जेल से भागने को कहा और ऐसा नहीं करने पर गोली मारने की धमकी दी।

साक्ष्य के कथन के आधार पर न्यायालय ने जेलर को दंडनीय अपराध प्रमाणित नहीं होने से आरोपों से मुक्त कर दिया।

गौरतलब है कि देश की अब तक की सबसे बड़ी जेल ब्रेक की घटना के बाद जेल विभाग ने एक दर्जन से अधिक अधिकारियों पर कार्रवाई की थी। वहीं जेलर मानकर पर नक्सलियों से साँठ-गाँठ सहित अन्य आरोप लगाए गए थे। जेलर पर मुख्य आरोपी सुजीत को जेल में छूट देने का भी आरोप लगाया गया था।