मंगलवार, 2 जुलाई 2024
  • Webdunia Deals
  1. चुनाव 2023
  2. विधानसभा चुनाव 2023
  3. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023
  4. Madhya Pradesh election : interesting fight between relatives
Written By
Last Modified: मंगलवार, 24 अक्टूबर 2023 (12:03 IST)

मध्यप्रदेश के चुनावी मैदान में रिश्तेदारों में रोचक जंग, रिजल्ट पर सबकी नजर

मध्यप्रदेश के चुनावी मैदान में रिश्तेदारों में रोचक जंग, रिजल्ट पर सबकी नजर - Madhya Pradesh election : interesting fight between relatives
Madhya Pradesh election news : मध्यप्रदेश चुनावों में भाजपा और कांग्रेस ने दिग्गजों के परिजनों को जमकर टिकट बांटे हैं। 8 पूर्व मुख्‍यमंत्रियों और 2 पूर्व उपमुख्‍यमंत्रियों के परिजनों पर दांव लगाया गया है। राज्य की कुछ विधानसभा सीटों पर अलग-अलग राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले एक ही परिवार के सदस्यों के बीच चुनावी लड़ाई देखने को मिल सकती है। सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने रिश्तेदारों को टिकट देकर सत्ता की तलाश में एक-दूसरे से मुकाबले में खड़ा कर दिया है।
 
प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को होने वाले चुनाव में भाई, चाचा-भतीजा, देवर-भाभी, समधि आदि निकट एवं दूर के रिश्तेदार आमने-सामने खड़े हो गए हैं। विरासत की कमाई खाने के लिए रिश्तेदारों के बीच जंग में किसका पलड़ा भारी रहेगा। इस पर सभी की नजरे टिकी हुई है।
 
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और नर्मदापुरम से भाजपा उम्मीदवार सीताशरण शर्मा का मुकाबला उनके भाई गिरिजाशंकर शर्मा से है, जो कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। गिरिजाशंकर शर्मा ने हाल ही में अपनी पार्टी बदल दी और सत्तारूढ़ दल द्वारा टिकट देने से इनकार करने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए।
 
सागर विधानसभा सीट पर कांग्रेस की निधि सुनील जैन का मुकाबला अपने जेठ और मौजूदा भाजपा विधायक शैलेन्द्र जैन से है। निधि जैन, शैलेंद्र जैन के छोटे भाई और देवरी से कांग्रेस के पूर्व विधायक सुनील जैन की पत्नी हैं।
 
इसी तरह रीवा जिले के देवतालाब में कांग्रेस ने पद्मेश गौतम को भाजपा विधायक और वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ मैदान में उतारा है, गिरीश गौतम पद्मेश के चाचा हैं। पद्मेश गौतम ने इससे पहले पंचायत चुनाव में मौजूदा विधायक के बेटे राहुल गौतम को हराया था।
 
भाजपा विधायक संजय शाह हरदा जिले के टिमरनी में अपने भतीजे कांग्रेस के अभिजीत शाह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। अभिजीत शाह दूसरी बार अपने चाचा के खिलाफ मैदान में हैं।
 
ग्वालियर जिले के डबरा में भाजपा की पूर्व राज्य मंत्री इमरती देवी अपने रिश्तेदार और मौजूदा कांग्रेस विधायक सुरेश राजे से मुकाबला कर रही हैं। इमरती देवी की भतीजी की शादी राजे के परिवार में हुई है।
 
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि मध्यप्रदेश भाजपा के लिए एक परिवार है। पार्टी कार्यकर्ता इस परिवार का हिस्सा हैं। पार्टी एक उपयुक्त कार्यकर्ता को मैदान में उतारने के बारे में निर्णय करती है। चतुर्वेदी ने कहा कि कांग्रेस एक वंशवादी पार्टी है जहां सभी प्रमुख निर्णय एक परिवार द्वारा लिया जाता है जबकि भाजपा एक कैडर-आधारित संगठन है।
 
इस संबंध में किए गए सवाल का जवाब देते हुए मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के के मिश्रा ने इसे महज संयोग बताया। अलग-अलग विचारधारा वाले लोग एक छत के नीचे रह सकते हैं और यही लोकतंत्र की खूबसूरती है। तो यह संयोग चुनावी मैदान में भी हो सकता है।
 
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीति के जानकार आनंद पांडे ने कहा कि यह विचारधाराओं की लड़ाई नहीं है, बल्कि सत्ता और पद पाने की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि राजनीति नई दिशा में जा रही है। राज्य में इतने बड़े पैमाने पर ऐसा पहली बार हो रहा है जब भाइयों और करीबी रिश्तेदारों ने राजनीति और सत्ता के खेल को अपने संबंधों से ऊपर रखा है। पहले एक ही परिवार के सदस्य अलग-अलग पार्टियों में होते थे, लेकिन विधानसभा में प्रवेश के लिए उनके बीच सीधी लड़ाई दुर्लभ थी।
 
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में एक चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। (इनपुट भाषा)

Edited by  :  Nrapendra Gupta 
ये भी पढ़ें
क्या छत्तीसगढ़ में होगा भ्रष्टाचार के रावण का दहन, भूपेश बघेल का भाजपा को जवाब