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Written By Author विकास सिंह
Last Modified: शनिवार, 27 मई 2023 (13:28 IST)

सागर में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और भूपेंद्र सिंह के बीच सियासी वर्चस्व की लड़ाई की इनसाइड स्टोरी

सागर में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और भूपेंद्र सिंह के बीच सियासी वर्चस्व की लड़ाई की इनसाइड स्टोरी - Inside story of the battle of political supremacy between minister Govind Singh Rajput and Bhupendra Singh in Sagar
Madhya Pradesh Political News:मध्यप्रदेश भाजपा में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के बड़े नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई खुलकर सामने आ गई है। बुंदलेखड के मुख्यालय के रूप में पहचान रखने वाले सागर में भाजपा के बड़े नेताओं की बीच जारी सियासी जंग दिनोंदिन बढ़ती जा रही है और इसमें हर नए दिन के साथ नए किरदार की एंट्री भी होती जा रही है। आखिर बड़े नेताओं के बीच क्यों टकराव बढ़ता जा रहा है, यह अब बड़ा सवाल बन गया है।

सागर जहां से शिवराज सरकार में तीन मंत्री है, वहां भाजपा दो खेमों में बंट गई है। दोनों ही खेमों का नेतृत्व पार्टी के बड़े नेता कर रहे है। सागर के रहली विधानसभा से 8 बार के विधायक और कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव और सुरखी विधायक और शिवराज सरकार में परिवहन व राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत एक गुट का नेतृत्व कर रहे है तो  दूसरे खेमे का नेतृत्व में खुरई से विधायक और शिवराज सरकार में  नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह कर रहे है। मंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ सागर से भाजपा सांसद राजबहादुर सिंह और महापौर संगीता तिवारी है।

सागर के भाजपा के बड़े नेताओं की बीच आपसी अदावत कोई नई नहीं है। तीनों ही मंत्रियों के बीच लंबे समस्य से वर्चस्व की सियासी जंग चल रही थी जो अब चुनाव से ठीक पहले खुलकर सामने आ गई है। वर्चस्व की लड़ाई की मुख्य वजह तीनों ही नेताओं का अपना सियासी रसूख है, जिसके चलते तीनों के हित आपस में ठकराते रहते है।

चुनाव से ठीक पहले नेताओं की वर्चस्व की लड़ाई खुलकर सामने आने के भी कई कारण है। पूरी लड़ाई सागर और सुरखी विधानसभा चुनाव  को लेकर लेकर है। सुरखी विधानसभा सीट पर वर्तमान में सिंधिया समर्थक एवं शिवराज सरकार में परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कब्जा है। सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल होने से पहले गोविंद सिंह राजपूत और भूपेंद्र सिंह चुनावी मैदान में आमने-सामने आ चुके है।

ऐसे में अब विधानसभा चुनाव नजदीक है तो सुरखी विधानसभा पर कांग्रेस ने अपनी नजर टिका दी है और भाजपा के बागी नेता राजकुमार धनोरा गोविंद सिंह राजपूत को खिलाफ चुनावी ताल ठोंक रहे है। राजकुमार धनोरा मंत्री भूपेंद्र सिंह के रिश्तेदार है औऱ पिछले साल उन्होंने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ बयानबाजी करने पर भाजपा से 6 साल के लिए बाहर का रास्ता दिखाया गया था। गोविंद  सिंह राजपूत के समर्थक मानते है कि राजकुमार धनोरा को मंत्री भूपेंंद्र सिंह शह हासिल है। 

मंत्री गोविंद सिहं राजपूत के खिलाफ चुनाव ताल ठोंकने की तैयारी कर रहे राजकुमार धनोरा सागर से भाजपा सांसद राजबहादुर सिंह के भी करीबी रिश्तेदार है।वहीं भूपेंद्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत के बीच चल रही खींचतान में अब राजबहादुर सिंह की एंट्री हो गई है,उन्होंने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश राजपूत की सोशल मीडिया पर लिखी टिप्पणी पर निशाना साधते हुए लिखा कि कुछ लोगों की पार्टी में नई एंट्री हुई है, इसलिए वह सोशल मीडिया पर कुछ भी लिख रहे है, यह भाजपा की रीति नीति नहीं जानते है और ऐसे नई एंट्री करने वालों  की ट्रेनिंग होनी चाहिए।  

गौरतलब है कि कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे आकाश राजपूत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली जिसमें भूपेंद्र सिंह पर तंज कसते हुए लिखा गया था कि 'अच्छा है हम खुरई में नहीं है, वरना बात करने पर ही जेल चले जाते, क्यों भाई साधु जी।' ।

वहीं सागर विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक शैलेंद जैन को अपने टिकट को लेकर सवाल है। तीन बार के विधायक शैलेंद्र जैन को टिकट कटने का डर महापौर चुनाव में उनके सगे भाई की पत्नी के कांग्रेस के टिकट पर महापौर चुनाव लड़ने है। शैलेंद्र जैन मंत्री गोपाल भार्गव के कट्टर समर्थक है और इसलिए अब वह अपने सियासी वजूद बचाने के लिए मैदान में उतर आए है।
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