वर्ष 2023 में 2 चंद्र ग्रहण होने वाले है। इस बार पहला चंद्र ग्रहण (Chandra grahan 2023) 5 मई, दिन शुक्रवार को लगेगा और दूसरा चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर, रविवार के दिन होगा।
धर्म और ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण की घटना को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। ज्योतिष में इसे शुभ नहीं माना जाता है, किंतु चंद्र ग्रहण को मंत्रों की सिद्धि के लिए सर्वश्रेष्ठ समय माना गया है। अत: ग्रहण काल में किसी भी एक मंत्र को, जिसकी सिद्धि करना हो या किसी विशेष प्रयोजन हेतु सिद्धि करना हो, जप सकते हैं। ग्रहण काल में मंत्र जपने के लिए माला की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि समय का ही महत्व होता है।
चंद्र की प्रसन्नता के लिए चंद्र ग्रहण के दिन उन चंद्र मंत्रों को पढ़ना चाहिए जो चंद्र से संबंधित है या हर उस तिथि को जो चंद्र को समर्पित है। वैसे तो सोमवार का दिन चंद्र देव को समर्पित दिन माना गया हैं, लेकिन यदि आप हर पूर्णिमा को चंद्र मंत्र की 1 माला जप करते हैं तो भी यह मनचाहा परिणाम देती है। अत: चंद्र ग्रहण, पूर्णिमा की रात इन सरल मंत्रों को अवश्य पढ़ना चाहिए। यहां पढ़ें 10 मंत्र, जो आपको ग्रहण का शुभ फल प्रदान करेंगे।
ग्रहण काल में जपें ये खास मंत्र-lunar eclipse mantra
1. ॐ सों सोमाय नमः।
2. ॐ चं चंद्रमस्यै नम:।
3. लक्ष्मी प्राप्ति हेतु तांत्रिक मंत्र- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं ॐ स्वाहा:।
4. नौकरी एवं व्यापार में वृद्धि हेतु- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।
5. मुकदमे में विजय हेतु- ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।। इसमें 'सर्वदुष्टानां' की जगह जिससे छुटकारा पाना हो उसका नाम लें।
6. ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः।
7. यदि आपके शत्रुओं की संख्या अधिक है तो बगुलामुखी का मंत्र जाप करें। मंत्र इस प्रकार है- 'ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै सर्व दुष्टानाम वाचं मुखं पदम् स्तम्भय जिह्वाम कीलय-कीलय बुद्धिम विनाशाय ह्लीं ॐ नम:।'
8. वाक् सिद्धि हेतु- ॐ ह्लीं दुं दुर्गाय: नम:।
9. ॐ शीतांशु, विभांशु अमृतांशु नम:।
10. ॐ ऐं क्लीं सौमाय नामाय नमः।
कैसे जपे मंत्र- कोई मंत्र तब ही सफल होता है, जब आप में पूर्ण श्रद्धा व विश्वास हो। किसी का बुरा चाहने वाले मंत्र सिद्धि प्राप्त नहीं कर सकते। मंत्र जपते समय एक खुशबूदार अगरबत्ती प्रज्वलित कर लें। इससे मन एकाग्र होकर जप में मन लगता है और ध्यान भी नहीं भटकता है। उपरोक्त मंत्रों को ग्रहण काल में विधिवत जाप करने से दिव्य फल प्राप्त होता है और जीवन की सभी मुसीबतें दूर होती है।
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