दोस्तों! हम वेलेंटाइन वीक मना रहे हैं और आज है इस वीक का चौथा दिन यानी कि टेडी बीयर डे। आजकल टेडी टीन एजर्स में बहुत पसंद किया जाता है। गर्लफ्रेंड को खुश करना हो तो टेडीबीयर बेस्ट गिफ्ट हो सकता है। लेकिन क्या आपको मालूम है कि हमें हमारा क्यूट टेडी कैसे मिला और उसकी कहानी क्या है? हमारे इस टेडी बीयर के बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है।
हुआ यूँ कि अमेरिका के 26वें राष्ट्रपति थेयोडोर रूजवेल्ट जब मिसीसिपी और लूसियाना के बीच चल रहे सीमा विवाद को सुलझाने के लिए जब मिसीसिपी गए तो अपने खाली समय में वे भालू के शिकार पर निकले।
शिकार के दौरान उन्हें एक पेड़ से बंधा, दर्द से तड़पता हुआ घायल भालू मिला। उनके साथियों ने कहा कि वे इस भालू का शिकार कर सकते हैं लेकिन रूजवेल्ट ने यह कहते हुए मना कर दिया कि एक घायल पशु का शिकार करना शिकार के नियमों के खिलाफ है। फिर भी उन्होंने उस भालू का मारने का आदेश दिया ताकि उसे उसके दर्द और तड़प से छुटकारा मिल सके।
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इस घटना की अखबारों में खूब चर्चा हुई। क्लिफोर्ड बेरीमेन नामक कार्टूनिस्ट ने इस घटना पर वॉशिंगटन पोस्ट के लिए एक कार्टून भी बनाया जिसमें रूजवेल्ट को एक व्यस्क भालू के साथ दिखाया गया था। यह कार्टून उस समय बहुत चर्चित हुआ था। क्लिफोर्ड द्वारा भालू को जो रूप दिया गया वो बहुत लोकप्रिय हुआ और पसंद किया जाने लगा।
केंडी और खिलौनो का स्टोर चलाने वाले मॉरिस मिचटॉम कार्टून वाले भालू से बहुत प्रभावित हुए। मॉरिस की पत्नी बच्चों के खिलौने बनाया करती थी। उन्होंने भालू के आकार का ही एक नया खिलौना बनाया।
मॉरिस उस खिलौने को लेकर रूजवेल्ट के पास गए और उनसे खिलौने को 'टेडी बीयर' नाम देने की अनुमति माँगी क्योंकि 'टेडी' रूजवेल्ट का निकनेम था। रूजवेल्ट ने 'हाँ' कहा और इस तरह दुनिया को मिला प्यार-सा, क्यूट-सा 'टेडी'।
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वजन में हल्का और दिखने में प्यारा होने के कारण टेडी जल्द ही लोगों में पसंद किया जाने लगा। राष्ट्पति रूजवेल्ट ने तो अगले राष्ट्पति चुनावों में उसे अपना शुभंकर ही बना लिया।
दुनिया का पहला टेडीबीयर म्यूजियम इंग्लैंड के पीटरफील्ड, हैंपियर में 1984 में स्थापित किया गया। अमेरिका, कनाडा, ग्रेट ब्रिटेन, जापान और जर्मनी में तो टेडीबीयर उत्सव खासा लोकप्रिय है।