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Written By WD Feature Desk
Last Updated : बुधवार, 3 दिसंबर 2025 (15:45 IST)

Bhopal Gas Tragedy Day: आज भोपाल गैस त्रासदी दिवस, जानें इस भयावह घटना के दिन की जानकारी

Bhopal Gas Tragedy
Bhopal Gas Tragedy: भोपाल गैस त्रासदी भारतीय इतिहास की एक भयावह घटना के रूप में दर्ज है, जिसने लाखों लोगों की जिंदगियों को प्रभावित किया। 3 दिसंबर 1984 को यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (UCIL) द्वारा संचालित एक कीटनाशक संयंत्र में मिथाइल आइसोनेट गैस (MIC) के रिसाव ने भोपाल और आसपास के इलाकों में भयावह तबाही मचाई। यह गैस त्रासदी ना केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में औद्योगिक सुरक्षा के मानकों और कानूनों को लेकर चिंता का कारण बनी। यह अब तक का सबसे बड़ा औद्योगिक हादसा माना जाता है, जिसमें लाखों लोग प्रभावित हुए थे।ALSO READ: अयोध्या में 52 एकड़ में बनेगा वर्ल्ड क्लास मंदिर संग्रहालय
 
हादसे के प्रमुख कारण:
 
* यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में सुरक्षा उपायों की भारी कमी थी।
* गैस के कंटेनमेंट टैंक में तकनीकी खामी आई, जिससे गैस लीक होने लगी।
* फैक्ट्री में कर्मचारियों को इस खतरनाक गैस से निपटने के लिए पर्याप्त प्रशिक्षण नहीं दिया गया था।
 
गैस का प्रभाव:
 
* मिथाइल आइसोनेट (MIC) एक अत्यधिक विषैली गैस है, जो श्वसन प्रणाली, आंखों और त्वचा को गंभीर नुकसान पहुंचाती है।
* यह गैस हवा में फैल गई, जिससे भोपाल और आसपास के क्षेत्रों के लाखों लोग प्रभावित हुए।
* रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 5,479 लोगों की मौत हो गई और पांच लाख से ज्यादा लोग अपंग हो गए। 
* लंबे समय में इस हादसे से लाखों लोग प्रभावित हुए, जिनमें शारीरिक और मानसिक समस्याएं, कैंसर, और अन्य गंभीर बीमारियां शामिल थीं।
 
परिणाम और बाद की कार्रवाई:
 
* इस घटना के बाद, यूनियन कार्बाइड और उसके अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की गई, लेकिन उन्हें पूरी तरह से न्याय नहीं मिला। 2004 में, यूनियन कार्बाइड को भारत सरकार ने दोषी ठहराया, लेकिन इसके बावजूद वे प्रभावी सजा से बचने में सफल रहे।
 
* यह हादसा भारत में औद्योगिक सुरक्षा के लिए कानूनी सुधारों की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ, और इसके बाद सरकार ने औद्योगिक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कानून लागू किए।
 
सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव:
 
* गैस त्रासदी के बाद प्रभावित क्षेत्रों में लंबे समय तक वातावरण में प्रदूषण रहा, और वहां की जल, मिट्टी और वायु गुणवत्ता भी बिगड़ गई।
 
* इस त्रासदी ने भारतीय समाज को एक गहरी झकझोर दी और इसे औद्योगिक दुर्घटनाओं के प्रति संवेदनशील बना दिया।
 
भोपाल गैस त्रासदी को याद करना, न केवल इस भयावह घटना को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए कैसे कदम उठाए जाएं।
 
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