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  4. Will Union Carbide's waste be burnt in Pithampur?
Last Updated : बुधवार, 26 फ़रवरी 2025 (17:11 IST)

क्‍या पीथमपुर में जलेगा Union Carbide का कचरा, सुप्रीम कोर्ट ने क्‍या कहा मध्‍यप्रदेश सरकार से?

union carbide waste material
Union Carbide Garbage case: पीथमपुर में Union Carbide का कचरा जलाने को लेकर अब भी सवाल बना हुआ है। अब तक खबरें आ रही थीं कि 27 फरवरी को पीथमपुर में Union Carbide का कचरा जलाया जाएगा, लेकिन अब कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने एमपी सरकार से कहा है कि सरकार पहले बताएं कि कचरा जलने से कोई नुकसान होगा या नहीं, इसके बारे में ठोस तरह से बताएं।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 25 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान मप्र सरकार से कहा कि जब तक याचिका में जताई गई आशंकाएं सही नहीं पाई जातीं, हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे। इसके बाद इंदौर कमिश्नर ने भी सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए 27 फरवरी को कचरा नहीं जलाने की पुष्टि की है।

क्‍या कहा सुप्रीम कोर्ट ने : सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या पीथमपुर में भोपाल गैस त्रासदी स्थल से रासायनिक कचरे के निपटान के संबंध में याचिका में जताई गई आशंकाओं में कोई दम है। कोर्ट ने कहा कि क्या अधिकारियों ने आसपास के नागरिकों के लिए खतरे की आशंकाओं को दूर करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं। बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जस्टिस बीआर गवई और एजी मसीह की पीठ सुनवाई कर रही है।

क्‍या कहा याचिकाकर्ता के वकील ने : याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि 17 फरवरी को नोटिस जारी करने के बाद एमपी हाईकोर्ट ने 18 फरवरी को 27 फरवरी से 10 मीट्रिक टन कचरा ट्रायल तौर पर जलाने का आदेश दिया था। इस मामले में 27 फरवरी को ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई कर अंतरिम आदेश पारित किया जाए।


27 को नहीं जलेगा कचरा : सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद इंदौर कमिश्नर दीपक सिंह ने बताया कि कोर्ट में केस विचाराधीन है, अभी कचरा जलाने के लिए कोई आदेश नहीं आया है। इसलिए हम उस दिन (27 फरवरी को) कचरा नहीं जलाएंगे।

कोई घटना हुई तो क्‍या व्‍यवस्‍था : इससे पहले सोमवार को राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में यह बताना था कि यदि पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के दौरान कोई घटना होती है तो उसके पास क्या इंतजाम हैं और उसने इसके लिए क्या तैयारी की है। हालांकि जस्टिस के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई। इसके बाद याचिकाकर्ता ने तुरंत ही शीघ्र सुनवाई के लिए आवेदन दिया था। याचिकाकर्ता चिन्मय मिश्र ने एडवोकेट सर्वम ऋतम खरे के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि वह पीथमपुर में 337 टन खतरनाक रासायनिक कचरे के निस्तारण को लेकर चिंतित हैं।

पॉल्‍युशन बोर्ड करेगा निगरानी : उन्होंने बताया कि परीक्षण के नतीजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सौंपे जाएंगे, जो उसके बाद ‘फीड रेट’ निर्धारित करेगा, जिस पर शेष कचरे का निपटान किया जाएगा। बता दें कि यूनियन कार्बाइड फैक्टरी से कुल 337 टन खतरनाक कचरा पीथमपुर निपटान संयंत्र पहुंचाया गया है। अदालत में 27 मार्च को अनुपालन रिपोर्ट पेश की जाएगी।
Edited By: Navin Rangiyal (भाषा)