लोकसभा चुनाव में कमलनाथ और शिवराज फिर आमने-सामने
भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल टिकट बंटवारे के बाद अब चुनाव प्रचार अभियान की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। कांग्रेस की तरफ से चुनाव प्रचार अभियान की कमान खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संभाल रखी थी तो अब भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरे प्रचार अभियान की कमान संभालेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने एक बार फिर शिवराज पर भरोसा दिखाते हुए उनको सूबे में भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान की कमान सौंपी है। लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार करने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय संगठन ने शिवराज सिंह चौहान को मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में पूरे चुनाव प्रचार अभियान को संचालित करने का जिम्मा भी दिया है।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे का कहना हैं कि शिवराज सिंह चौहान सूबे की सभी 29 लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार करने के साथ पूरे प्रचार अभियान की रणनीति भी बनाएंगे। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने का कि शिवराज सिंह पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और स्टार प्रचारक है इसलिए जैसे जैसे मध्यप्रदेश में चुनावी पारा बढ़ेगा शिवराज सिंह प्रदेश को अधिक से अधिक समय देंगे।
इससे पहले खुद शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि राष्ट्रीय संगठन ने उन्हें तीन दिन मध्यप्रदेश के बाहर चुनाव प्रचार करने को कहा है। इससे पहले लंबे समय से शिवराज के लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थी। लेकिन शिवराज ने खुद पार्टी संगठन के सामने चुनाव लड़ने में इंकार करते हुए पार्टी को जीताने की जिम्मेदारी लेने की बात कही थी।
भले ही मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं है लेकिन आज भी शिवराज की लोकप्रियता लोगों के बीच बने होने के कारण वो सूबे में भाजपा के सबसे बड़े प्रचारक है। शायद इस की देखते हुए एक बार मोदी और शाह ने शिवराज पर अपना भरोसा जताया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुद पूरे प्रचार अभियान की बागडोर अपने हाथों में रखते हुए ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां कर रहे हैं। अब जैसे-जैसे चुनाव की तारीखें नजदीक आगे वैसे-वैसे मध्य प्रदेश का चुनावी पारा बढ़ेगा और एक बार फिर सूबे के दो बड़े दिग्गज शिवराज और कमलनाथ आमने-सामने होंगे।