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Written By ND

अभिनंदन करवा लो !

अभिनंदन करवा लो ! -
राज चड्ढा
NDND
गली से आवाज आई, 'अभिनंदन करवा लो, अभिनंदन!' मुझे अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। यकायक मैं समझ नहीं सका कि यह कौन फेरी वाला है और क्या बेच रहा है। मैंने कानों पर जोर दिया और अगली आवाज की प्रतीक्षा की। पुनः साफ और ऊँची आवाज में उसने दोहराया, 'अभिनंदन करवा लो, अभिनंदन!' मुझे लगा, घर बैठे कोई बिपासा बसु से शादी का प्रस्ताव लेकर आया है।

मैंने एक मिनट देर नहीं की और लल्लू को उस दिशा में दौड़ाया, जहाँ से मनभावन आयटम के साथ कोई चिर-कुँवारे को बीड़ी जलइले का ऑफर दे रहा था। थोड़ी ही देर में एक मरियल-से आदमी ने ड्राइंग-रूम में प्रवेश किया।

मैंने उसे ससम्मान सोफे पर बिठाया। मैं भूल चुका था कि मेरे दरवाजे पर पट्टी लगी थी : 'इस घर में हॉकर्स का प्रवेश वर्जित है।'

-हाँ तो आप क्या बेच रहे थे?

-जी मैं सम्मान-पत्र बेचता हूँ।

-किस कीमत पर?

  पुनः साफ और ऊँची आवाज में उसने दोहराया, 'अभिनंदन करवा लो, अभिनंदन!' मुझे लगा, घर बैठे कोई बिपासा बसु से शादी का प्रस्ताव लेकर आया है....       
-रेट खरीदने वाले की औकात पर निर्भर करता है।

-क्या मतलब?

-जी, इसे आप यूँ समझ लीजिए कि अगर कलेक्टर ने सम्मान करवाना है तो बंदूक का लाइसेंस और पोस्टमैन ने करवाना है तो बिना पैसा चुकाए बेरंग लिफाफा देना ही काफी होगा।

-मैं एक प्रिंटिंग प्रेस का मालिक हूँ। मुझसे आपकी क्या अपेक्षा है?

-समारोह में बँटने वाले अभिनंदन-पत्र आपको निःशुल्क छापने होंगे। ठीक वैसे ही जैसे चाय का ठेले वाला मुफ्त में चाय पिलाएगा और सम्मानित होगा।
WDWD
-कार्यक्रम का मुख्य अतिथि कौन होगा?

-वो अभी फाइनल नहीं हुआ है। नगर सेठों में इसके लिए बोली लग रही है। कॉलोनी-किंग ने इक्यावन हजार का ऑफर दिया था, जो मटका-किंग के एक लाख के आगे बौना हो गया है। अभी तो कई ठेकेदार लाइन लगाकर खड़े हैं। जो सबसे ऊँची बोली लगाएगा वह अभिनंदन-समारोह का मुख्य अतिथि होने का गौरव पाएगा।

-कार्यक्रम की अध्यक्षता कौन करेगा?

-वही जो दो नंबर पर आएगा।

-कुछ पुलिस वालों को भी तो सम्मानित कर रहे हैं आप, वे क्या देंगे?

-वे डिस्काउंट देंगे।

-कैसा डिस्काउंट?

-हमारी संस्था के सदस्यों को चाहे जो धंधा करने पर पुलिस हफ्ता-वसूली में पच्चीस प्रतिशत की छूट देगी।

-तब तो चोर और गिरहकट ही सम्मानित होते होंगे, आपकी संस्था से।

-उनके लिए केवल 'समाज-सेवक' का सम्मान है। नगर-श्री, नगर-भूषण और नगर-रत्न का सम्मान पाने के लिए अपने क्षेत्र में विशिष्ट योग्यता की आवश्यकता है। माफ कीजिए आप उनमें नहीं आते। आप प्रिंटिंग-प्रेस चलाते हैं, आपको केवल पत्रकार-शिरोमणि की उपाधि दी जा सकती है।

  अभी तो कई ठेकेदार लाइन लगाकर खड़े हैं। जो सबसे ऊँची बोली लगाएगा वह अभिनंदन-समारोह का मुख्य अतिथि होने का गौरव पाएगा....       
-लेकिन अखबार से तो मेरा दूर-दूर तक संबंध नहीं है।

-अजी आप तो प्रेस चलाते हैं, पिछली बार तो हमने प्रेस करने वाले को इस सम्मान से नवाजा था।

भैया एक बात बताइए। मेरा एक पड़ोसी है, वह हुस्न का कारोबार करता है। बड़े-बड़े अफसरों तक उसकी पहुँच है। उसे सम्मानित होने का भारी शौक है। उसका सम्मान आप किस कीमत पर करेंगे?

-मुँह माँगी कीमत पर। हमारा और समय बर्बाद मत कीजिए। जल्दी से अपने पड़ोसी से मिलवाइए। इस साल का सर्वोत्तम पुरस्कार उसे और आपको अद्भुत-खोज का विशेष सम्मान दिया जाएगा। ऐसे नर-रत्नों की तलाश में ही तो हम मारे-मारे फिरते हैं।