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Last Modified: सोमवार, 27 जून 2022 (08:00 IST)

कैंडी और जैम से हो सकती है वर्षा वनों की सुरक्षा

कैंडी और जैम से हो सकती है वर्षा वनों की सुरक्षा - using candy and jam to protect brazils amazon rainforest
ब्राजील के पूर्वी अमेजन में लुइज हेनरिक लोप्स फेरेरा का घर जिस जगह पर स्थित है, वहां आसपास करीब 430 प्रजातियों के स्तनपायी जीवों का भी बसेरा है। इनमें टपीर, जगुआर और विशाल आर्माडिलो भी शामिल हैं। फरेरा की उम्र 22 वर्ष है। वे स्थानीय फलों की मदद से 100 से अधिक किस्मों की मिठाई, जैम और शराब बनाते और बेचते हैं। वे उस नई पीढ़ी का हिस्सा हैं जो यह साबित कर रही है कि अगर जंगलों में रहने वाले समुदायों को आर्थिक रूप से मजबूत बनने का अवसर मिलता है तो वे किस तरह जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देने और वनों की कटाई को रोकने में मदद कर सकते हैं।
 
वे तापाजोस अरप्यून्स एक्स्ट्रेक्टिव रिजर्व में रहते हैं। यह इलाका 64,000 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमें से 90 फीसदी इलाके में जंगल है। यहां 370 से अधिक प्रजातियों के पक्षी और 99 प्रजातियों की मछलियां मौजूद हैं। यह इलाका करीब 13,000 लोगों का घर भी है। इनमें ज्यादातर मूल निवासी और मिश्रित विरासत वाले काबोक्लो समुदाय के लोग हैं। खुद को मूल निवासी बताते हुए फेरेरा कहते हैं कि उनका जन्म अमजोनस राज्य की राजधानी मनौस में हुआ था, लेकिन 15 साल पहले उनका परिवार इस जंगल में चला आया था। तब से यही उनका असली घर है।
 
वे कहते हैं कि रहने के लिहाज से अमेजन शानदार जगह है. प्रकृति यहीं है. यहां सब कुछ जादुई है. हालांकि, कई तरह के खतरे भी हैं, जो कभी हमें घेर लेते हैं, तो कभी हमारे दरवाजे पर दस्तक देते हैं।
 
अवैध कटाई के खिलाफ संघर्ष
इस इलाके में लकड़ियों के लिए जंगलों की काफी कटाई होती थी। यहां रहने वाले लोगों ने कटाई के खिलाफ एकजुट होकर करीब दो दशकों तक संघर्ष किया। संघर्ष की वजह से ही 1990 के दशक के अंत में इस इलाके को एक्स्ट्रेक्टिव रिजर्व घोषित किया गया। इसका उद्देश्य प्रकृति के संरक्षण में मदद करना है। इसके लिए यहां के लोगों को अनुमति दी गई कि वे खेती और अन्य सामान्य गतिविधियों के लिए जमीन का इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि अपनी जिंदगी का निर्वाह कर सकें. जैसे, शिकार करना, मछली पकड़ना और जंगली पौधों की कटाई करना वगैरह। 
 
फेरेरा का कहना है कि वनों की कटाई आज उनके लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह एक्स्ट्रेक्टिव रिजर्व पारा राज्य में है। 2001 से 2021 के बीच ब्राजील में वनों की सबसे ज्यादा कटाई इसी राज्य में देखी गई. 2019 में राष्ट्रपति जाएर बोल्सोनारो के सत्ता में आने के बाद से अमेजन के जंगलों में कटाई का स्तर काफी ज्यादा बढ़ गया। यह पिछले 15 वर्षों के सबसे खराब स्तर पर पहुंच गया। इसकी वजह यह रही कि सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को व्यवस्थित रूप से कमजोर कर दिया।
 
 
अमेजन के जंगलों में जितने पेड़ों की कटाई की गई है उनमें 99 फीसदी अवैध तरीके से हुई है। ब्राजील के एनजीओ द हेल्थ एंड हैप्पीनेस प्रोजेक्ट (पीएसए) के कोऑर्डिनेटर कैटानो स्कैनाविनो ने बताया कि इससे किसानों और लकड़ी उत्पादकों के लिए कानूनी रूप से काम करना मुश्किल हो जाता है। वजह यह है कि अवैध रूप से कटाई करने वाले काफी सस्ते दामों पर लकड़ियां बेचते हैं। ऐसे में कानूनी तौर-तरीकों से काम करने वालों को काफी संघर्ष का सामना करना पड़ता है।
 
स्कैनाविनो कहते हैं, "हमें अवैध वाली संस्कृति को बदलना होगा। इस संस्कृति को बदलने के लिए हमें अपनी जिद पर अड़े रहना होगा और दृढ़ होकर काम करना होगा।” पीएसए पारा राज्य में 30 वर्षों से काम कर रहा है. फिलहाल, 30 हजार लोग इसके साथ जुड़े हुए हैं। यह उन लोगों को ट्रेनिंग और आर्थिक मदद देता है, ताकि समुदाय कानूनी रूप से पर्माकल्चर और एग्रोइकोलॉजी के सहारे जीवन यापन कर सकें।
 
फेरेरा ने पीएसए के साथ काम किया और अब उनके कारोबार से 40 परिवारों को फायदा मिलता है. इन परिवारों को खाने के लिए अन्न भी मिल जाता है और कुछ उत्पादों को बेचने से उन्हें आमदनी भी हो जाती है। वे कहते हैं कि कुछ युवा कटाई से जुड़ी कंपनियों और शहरों में होने वाले निर्माण कार्य में काम ढूंढने के लिए जाते हैं, लेकिन अब ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है जो जंगल में ही रहने के साथ-साथ यहीं काम करने की कोशिश कर रहे हैं।
 
 
पीएसए समय-समय पर कार्यशालाओं का भी आयोजन करता है। यहां स्थानीय समुदायों और सहकारी समितियों को प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे कोको, शहद, अकाई और उष्णकटिबंधीय फल जैसे वन उत्पादों से तेल और मक्खन निकाल सकें. इससे इन समुदायों को अच्छी खासी आमदनी होती है।
 
स्कैनाविनो ने कहा कि "हमें जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद करनी है. ऐसा नहीं होने पर, युवा इस जगह से पलायन करके शहर चले जाएंगे. वर्षावन खाली हो जाएगा. इससे खनन और कटाई करने वालों को अवैध काम करने का मौका मिलेगा।”
 
मूल निवासियों के अधिकारों का सम्मान कर जंगल की रक्षा
 
मूल निवासियों को जमीन का हक दिलाने के लिए काम करने वाले एनजीओ ‘टेन्योर फैसिलिटी' के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी डेविड कैमोवित्ज ने कहा, "हमें यह पता है कि जब इन मूल निवासियों और स्थानीय समुदायों के पास जंगल के प्रबंधन का अधिकार होता है, तब वनों की कटाई की दर बहुत कम होती है।”
 
 
कैमोवित्ज ने संयुक्त राष्ट्र की एक जांच का नेतृत्व किया है. इसके तहत पिछले 20 वर्षों में 300 से अधिक अध्ययनों की समीक्षा की गई। साथ ही, यह तर्क दिया गया कि लैटिन अमेरिका और कैरिबियन क्षेत्र में मूल निवासी और स्थानीय समुदाय जंगलों के सबसे अच्छे संरक्षक हैं। इसकी वजह यह है कि उनके पास पारंपरिक ज्ञान है. साथ ही, उनकी सांस्कृतिक प्रथाएं भी जंगलों की सुरक्षा करने में मददगार हैं.
 
कैमोवित्ज कहते हैं कि इन समुदाय को कामकाजी अर्थव्यवस्था वाले ऐसे माहौल की जरूरत है जहां इनके समाज के युवा रह सकें, तभी ये जंगल सुरक्षित रहेंगे. वह आगे कहते हैं, "वे सभी चीजें अमेजन में काम करने वाले मॉडल का हिस्सा हैं। जहां वे चीजें मौजूद हैं, जंगल सुरक्षित हैं।”
 
तापाजोस अरप्यून्स एक्स्ट्रेक्टिव रिजर्व में 1985 के बाद से कटाई की दर 0.5 फीसदी बनी हुई है. वहीं, अमेजन के बाकी हिस्सों में कटाई का मतलब है कि वर्षावन बदलाव के खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। अगर स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो यह स्थायी रूप से सूखे सवाना में बदल जाएगा.
 
1980 के दशक के बाद से पारा राज्य के संतारेम क्षेत्र में शुष्क मौसम के दौरान वर्षा में 34 फीसदी की कमी हुई है, औसत तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस से अधिक की वृद्धि हुई है और जंगल में आग लगने की घटनाओं में भी भारी वृद्धि हुई है। फेरेरा भी इसी इलाके के नजदीक रहते हैं। यहां आग ने 10 लाख हेक्टेयर से अधिक जंगल को नष्ट कर दिया है। 
 
महामारी की रोकथाम
 
अमेजन के जंगलों की रक्षा करने से मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ जलवायु पर भी सकारात्मक असर पड़ सकता है। अप्रैल 2022 में हार्वर्ड के टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने एक शोध जारी किया। इसमें तर्क दिया गया कि महामारी को रोकने के लिए अमेजन के जंगलों की कटाई को कम करना जरूरी है।
 
अमेजन दुनिया के सबसे बड़े जैव विविधता वाले क्षेत्रों में से एक है, विशेष रूप से चमगादड़ और प्राइमेट के लिए। इन जीवों की वजह से कई तरह के संक्रामक रोग फैलते हैं। जंगलों को सुरक्षित रखने से जंगली जानवरों से लेकर पालतू जानवरों और सामान्य लोगों तक में नए संक्रामक रोगों के फैलने की संभावना कम हो जाती है।
 
शोधकर्ताओं ने यह तर्क दिया है कि वन्यजीव और शिकार प्रबंधन, बेहतर निगरानी, और वनों की सुरक्षा से भविष्य में फैलने वाली महामारियां रुक सकती हैं। इसके अलावा, ये कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को नियंत्रित करते हैं, जैव विविधता की रक्षा करते हैं और रोजगार के नए अवसर मुहैया कराते हैं।
 
रिपोर्ट : दिमित्री सेलिबास
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