शुक्रवार, 8 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. trying to change in japan
Written By DW
Last Updated : शुक्रवार, 14 जुलाई 2023 (10:06 IST)

स्मार्ट महिलाएं शादी नहीं करतीं, जापान में बदलाव की कोशिश

स्मार्ट महिलाएं शादी नहीं करतीं, जापान में बदलाव की कोशिश - trying to change in japan
-वीके/सीके (रॉयटर्स)
 
जापान में महिलाओं द्वारा विज्ञान के विषयों में करियर न बनाने पर देश काफी चिंतित है। कई कोशिशें की जा रही हैं ताकि रूढ़िवादी सोच को बदला जा सके। जापान के सबसे अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक में थर्ड ईयर की छात्रा युना कातो रिसर्च में अपना करियर बनाना चाहती हैं। लेकिन उन्हें डर है कि अगर उनके बच्चे हुए तो उनका करियर बहुत छोटा हो जाएगा।
 
कातो कहती हैं कि उनके रिश्तेदारों ने उन्हें विज्ञान, तकनीकी, इंजीनियरिंग और गणित जैसे विषयों से दूर रहने की सलाह दी थी, क्योंकि वे मानते हैं कि इन विषयों में करियर बनाने वाली महिलाओं की जिंदगी बहुत व्यस्त होती है इसलिए उन्हें लोगों से मिलने-जुलने या फिर पतियों के लिए समय निकालने की फुर्सत नहीं मिलती। कातो कहती हैं कि मेरी दादी और मां अक्सर मुझे कहती थीं कि अगर मैं बच्चे चाहती हूं तो विज्ञान से अलग किसी विषय में करियर बनाऊं।
 
हो रहा है नुकसान
 
अपने दम पर कातो इंजीनियरिंग में इस जगह पहुंच गई हैं कि अब करियर के बारे में सोचने लगी हैं लेकिन उनके जैसी बहुत-सी जापानी महिलाएं ऐसी ही सोच के कारण विज्ञान विषयों को नहीं चुनतीं, जो जापान के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गया है। सिर्फ आईटी में जापान में 7,90,000 कुशल कर्मचारियों की कमी है। इसकी बड़ी वजह महिलाओं का इस क्षेत्र से दूर रहना है।
 
विशेषज्ञों की चेतावनी है कि पिछली सदी में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने देश को इसका नुकसान खोज, उत्पादकता और प्रतिद्वन्द्विता में गिरावट के रूप में झेलना पड़ रहा है।
 
मॉलीक्यूलर बायोलॉजी में पीएचडी कर चुकीं चीनी मूल की शिक्षक यिनुओ ली कहती हैं कि यह बहुत बड़ी बर्बादी है और देश का भारी नुकसान है। ली एक सफल वैज्ञानिक हैं और विज्ञान विषयों में महिलाओं की आदर्श के तौर पर बार्बी कंपनी ने उनकी हमशक्ल गुड़िया भी बनाई है।
 
जापान में एक सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत काम कर रहीं 3 बच्चों की मां ली कहती हैं कि अगर लैंगिक संतुलन नहीं होगा तो आपकी तकनीक में बहुत सारी खामियां होंगी।
 
पिछड़ रहा है जापान
 
सबसे धनी देशों की सूची में इंजीनियरिंग या साइंस विषयों की पढ़ाई कर रहीं महिलाओं की संख्या के मामले में जापान सबसे नीचे है। वहां विश्वविद्यालयों में सिर्फ 16 फीसदी महिलाएं हैं। हर 7 वैज्ञानिकों में सिर्फ 1 महिला वैज्ञानिक है। ऐसा तब है जबकि ओईसीडी के मुताबिक जापान में गणित में लड़कियों के अंक दुनिया में दूसरे नंबर पर हैं जबकि साइंस में तीसरे नंबर पर।
 
जापान में लाखों लोग अकेला रहना क्यों पसंद कर रहे हैं?
 
फिर भी लैंगिक समानता के मामले में जापान की रैंकिंग में इस साल रिकॉर्ड गिरावट आई है। हालांकि देश इस अंतर को पाटने की भरसक कोशिश कर रहा है। 2024 में शुरू होने वाले शिक्षा सत्र में कातो के टोकियो इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी समेत लगभग 1 दर्जन विश्वविद्यालय सरकार की महिलाओं के लिए विज्ञान विषयों में कोटा तय करने की अपील पर अमल करने जा रहे हैं। कई विश्वविद्यालयों ने तो इसी साल से ऐसा शुरू कर दिया था।
 
यह जापान में एक बड़ा बदलाव होगा जहां कि इस बात को लेकर विवाद हो चुका है कि महिलाओं को जान-बूझकर पीछे रखा जा रहा है। 2018 में तब खासा हंगामा मचा था, जब यह बात सामने आई थी कि टोकियो मेडिकल स्कूल में महिला प्रार्थियों के अंक जान-बूझकर कम किए गए ताकि उन्हें दाखिला न मिले। एक रिपोर्ट में कहा गया था कि स्कूल के अधिकारियों को लगा कि बच्चों के कारण महिलाओं के करियर अधर में छोड़ने की संभावना ज्यादा है और वे अपनी पढ़ाई को बर्बाद करेंगी।
 
सोच बदलने की कोशिश
 
इस सोच को बदलने के मकसद से सरकार ने कुछ महीने पहले साढ़े नौ मिनट का एक वीडियो जारी किया था जिसमें दिखाया गया कि कैसे शिक्षकों और अन्य वयस्कों की रूढ़िवादी सोच के कारण लड़कियां विज्ञान विषयों से परहेज कर रही हैं।
 
'सुशी आतंकवाद' से जापान में अफरातफरी, रेस्तरां जाने से कतरा रहे लोग
 
इस वीडियों में एक एक्टर शिक्षक बनकर एक छात्रा से कहता है कि लड़की होने के बावजूद उसने गणित में अच्छे नंबर हासिल किए। एक अन्य मामले में एक महिला अपनी बेटी को यह कहकर इंजीनियरिंग पढ़ने से हतोत्साहित करती है कि यह 'पुरुष प्रधान' क्षेत्र है।
 
सरकार का लैंगिक समानता विभाग निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम कर रहा है। वह आने वाले समय में विज्ञान विषयों की 100 से ज्यादा वर्कशॉप आयोजित करेगा जिसमें महिला छात्रों को प्रोत्साहित करने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए माज्दा जैसी कार कंपनियों के इंजीनियरों की मदद ली जाएगी।(प्रतीकात्मक चित्र)
ये भी पढ़ें
यूपी: भारत-नेपाल बॉर्डर पर 3 हज़ार किलो टमाटर की तस्करी का क्या है मामला?