गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. सामयिक
  2. डॉयचे वेले
  3. डॉयचे वेले समाचार
  4. tea drinkers enjoy possible health benefits
Written By DW
Last Modified: गुरुवार, 1 सितम्बर 2022 (07:59 IST)

शोध में खुलासा, चाय पीने वाले थोड़ा सा ज्यादा जीते हैं

शोध में खुलासा, चाय पीने वाले थोड़ा सा ज्यादा जीते हैं - tea drinkers enjoy possible health benefits
चाय के बारे में 14 साल तक 5 लाख लोगों पर किए गए अध्ययन में कई दिलचस्प निष्कर्ष निकले हैं। चाय के स्वास्थ्यवर्धक गुणों के बारे में यह शोध कई बातें बताता है।
 
भले ही कुछ समय पहले पाकिस्तान के नेता अपनी जनता से चाय कम पीने की गुजारिश कर रहे थे लेकिन चाय की एक प्याली पर दुनिया में बड़े-बड़े काम हो जाते हैं। यह हर खास ओ आम की पसंद है। चाय पर चर्चा से देश बदल जाता है। अब एक शोध कहता है कि जिंदगी भी लंबी हो सकती है। हालांकि यह बात भारत की दूध वाली चाय के बारे में नहीं बल्कि काली चाय के बारे में कही गई है।
 
हाल ही में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि जो लोग चाय पीते हैं, उनकी चाय ना पीने वालों से थोड़ा सा ज्यादा जीने की संभावना होती है।
 
चाय में ऐसे तत्व होते हैं तो जलन को रोकते हैं। चीन और जापान, जहां ग्रीन टी सबसे ज्यादा लोकप्रिय है, वहां पहले भी ऐसे अध्ययन हो चुके हैं जिनमें चाय के स्वास्थ्यवर्धकगुण सामने आते रहे हैं। अब युनाइटेड किंग्डम में सबसे ज्यादा लोकप्रिय काली चाय के बारे में एक अध्ययन हुआ है।
 
अमेरिकी नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने यह अध्ययन किया है जिसके बाद उन्होंने कुछ दिलचस्प निष्कर्ष पेश किए हैं। वैज्ञानिकों ने एक विशाल डेटाबेस में उपलब्ध आंकडों का विश्लेषण किया है। इस डेटामेस में युनाइटेड किंग्डम के पांच लाख से ज्यादा लोगों की चाय से जुड़ी आदतों के आंकड़े थे। ये आंकड़े इन लोगों से 14 साल तक बात करने के दौरान जुटाए गए थे।
 
विश्लेषण के दौरान विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य, सामाजिक-आर्थिक स्थित, धूम्रपान, शराब, खान-पान, आयु, नस्ल और लिंग के आधार पर निष्कर्षों में जरूरी फेरबदल भी किया। इस विशाल अध्ययन का निष्कर्ष यह निकला कि जो लोग ज्यादा चाय पीते हैं उनके जीने की संभावना चाय ना पीने वालों से थोड़ी सी ज्यादा होती है। यानी रोजाना दो या उससे ज्यादा कप चाय पीने वाले लोगों में मौत का खतरा दूसरे लोगों से 9-13 प्रतिशत कम होता है। वैज्ञानिकों ने भी यह स्पष्ट किया कि चाय का तापमान और उसमें दूध या चीनी मिलाने का नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ा।
 
चाय का असर
यह अध्ययन अनैल्स ऑफ इंटरनल मेडिसन नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए है। शोधकर्ता कहते हैं कि हृदय रोगों का चाय से संबंध कुछ स्पष्ट हुआ लेकिन कैंसर की मौतों का चाय से कोई रिश्ता स्थापित नहीं हो पाया। हालांकि ऐसा क्यों है, इस बारे में शोधकर्ता कोई ठोस जवाब नहीं खोज सके। मुख्य शोधकर्ता माकी इनोऊ-चोई के मुताबिक हो सकता है कैंसर से कम मौतों के कारण कोई ठोस संबंध ना मिला हो।
 
खाने का विज्ञानसमझने वाले कहते हैं कि लोगों की आदतों और स्वास्थ्य का अध्ययन कर निकाले गए निष्कर्ष किसी तरह का ‘कारण और प्रभाव' साबित नहीं कर सकते। न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी में ‘फूड स्टडीज' पढ़ाने वालीं मैरियन नेस्ले कहती हैं, "ऑब्जर्वेशन-आधारित ऐसे अध्ययन हमेशा सवाल उठाते हैं कि क्या चाय पीने वालों में ऐसा कुछ अलग है जो उन्हें दूसरों से ज्दा सेहतमंद बनाता है। मुझे चाय पसंद है। यह एक शानदार पेय पदार्थ है लेकिन सावधानीपूर्वक इसकी व्याख्या करना ही समझदारी होगी।”
 
इनोई-चोई ने भी कहा कि चाय के बारे में आप अपनी आदत बदलें, ऐसी सलाह देने लायक सबूत या आंकड़े उनके पास नहीं हैं। उन्होंने कहा, "अगगर आप रोजाना एक कप चाय पीते आ रहे हैं तो मेरे ख्याल से यह बढ़िया है। और हां, इसका भरपूर आनंद लीजिए।”
 
चाय के बारे में कुछ मजेदार बातें
क्या आप जानते हैं कि चाय हिंदी का शब्द है लेकिन अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में भी खूब इस्तेमाल हो रहा है। अमेरिका और यूरोप के कॉफी हाउस और रेस्तरां चाय भी बेचते हैं जो ‘टी' से अलग होती है। चाय को वहां मसाला चाय के रूप में बेचा जाता है और इसका बनाने का तरीका अलग-अलग हो सकता है।वहां यह 
 
पानी के बाद चाय दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा पिया जाने वाला द्रव्य है। दुनिया में तीन हजार तरह की चाय उपलब्ध हैं। दंत कथाएं बताती हैं कि चाय कीखोज एक चीनी राज शेन नंग ने 237 ईसा पूर्व की थी जब एक पौधे की कुछ पत्तियां उनके गर्म पानी के प्याले में गिर गईं। उन्होंने इस प्याले से पानी पिया और उन्हें बहुत अच्छा लगा। यह संभवतया चाय की पहली प्याली थी। हालांकि आजकल चीन में कॉफी का बोलबाला बढ़ रहा है।
 
जापान में चाय की संस्कृति काफी विस्तृत है। ग्रीन टी बनाना और पीना वहां एक तरह का समारोह होता है जिसे ‘अ वे ऑफ टी' कहा जाता है। यह कई घंटे तक चलता है।  ब्रिटेन में भी चाय बेहद लोकप्रिय है और वहां एक औसत व्यक्ति एक साल में एक हजार कप तक चाय पी जाता है। पूरी दुनिया में सालाना साढ़े तीन अरब से ज्यादा कप चाय पी जाती है।
 
रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)
ये भी पढ़ें
क्या बिहार बन रहा है विपक्षी एकता की नई 'प्रयोगशाला'