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Written By DW
Last Updated : सोमवार, 16 दिसंबर 2019 (11:18 IST)

सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने से नाराज उत्तर कोरिया

सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने से नाराज उत्तर कोरिया - North Korea angry
अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव कम होने की जगह और बढ़ता दिख रहा है। ट्रंप और किम जोंग उन के बीच ट्विटर युद्ध के बाद अमेरिका ने सलाह दी है कि उत्तर कोरिया 'नासमझ हरकत' न करे।
उत्तर कोरिया ने गुरुवार को कहा कि परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम रद्द करने के एवज में अमेरिका के पास कोई प्रस्ताव नहीं है। बुधवार को वॉशिंगटन ने कहा था कि डील को पक्का करने के लिए वह 'ठोस कदम' उठाने को तैयार है। अमेरिका ने उत्तर कोरिया को चेतावनी दी है कि वह दोबारा ऐसा कोई 'दुर्भाग्यपूर्ण नासमझ व्यवहार' न करे।
 
अमेरिका की यह प्रतिक्रिया उस बयान के बाद आई जिसमें उत्तर कोरिया ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ाते हुए कहा था कि अमेरिका 31 दिसंबर तक उत्तर कोरिया को प्रतिबंधों में छूट का कोई प्रस्ताव दे, नहीं तो परमाणु समझौते पर आगे कोई बातचीत नहीं होगी।
 
फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप और किम जोंग उन के बीच बातचीत रद्द हो जाने के बाद उनके बीच परमाणु मुद्दे पर बातचीत वार्ता अधर में लटक गई है। पूर्वी एशिया के विदेश विभाग के अधिकारी डेविड स्टिलवेल से जब उत्तर कोरिया द्वारा किए गए लंबी दूरी के मिसाइल परीक्षण को लेकर चिंता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'हमने पहले भी धमकियां सुनी हैं।' उत्तर कोरिया ने यह परीक्षण ऐसे समय में किया है, जब परमाणु वार्ता को बचाने के लिए उसकी तरफ से तय 1 साल की समयसीमा नजदीक आ रही है।
 
उत्तर कोरिया का कहना है कि अगर अमेरिका अधर में लटकी परमाणु वार्ता पर लचीलापन नहीं दिखाता है तो वह नया रुख अख्तियार करेगा, साथ ही उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की भी आलोचना की है। उसने अमेरिका के इस कदम को 'मूर्खतापूर्ण' करार देते हुए कहा है कि इससे उसे सही राह चुनने के फैसले में मदद मिलेगी।
 
उत्तर कोरिया की समाचार एजेंसी केसीएनए ने विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि के हवाले से कहा, 'अमेरिका जब भी मुंह खोलता है, संवाद की बात करता है, लेकिन यह भी स्वाभाविक है कि अमेरिका के पास हमारे सामने पेश करने के लिए कुछ भी नहीं है। हालांकि संवाद शुरू हो सकता है।'
 
परमाणु निरस्त्रीकरण पर अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच बातचीत बंद हो जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुधवार को उस समय हुई, जब अंतरराष्ट्रीय जगत में यह चिंता बढ़ने लगी कि उत्तर कोरिया अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का परीक्षण दोबारा शुरू कर सकता है।
 
हाल ही में प्योंग्यांग ने कई हथियारों का परीक्षण किया है और इसके साथ ही ट्रंप पर निजी हमले शुरू कर दिए। थिंकटैंक के एक कार्यक्रम में बोलते हुए स्टिलवेल ने कहा, 'राष्ट्रपति उत्तर कोरिया के साथ काम करना चाहते हैं, वह उनकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करना चाहते हैं।'
 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिकी राजदूत केली क्राफ्ट ने कहा था कि उत्तर कोरिया परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम को लेकर ठोस कदम उठाने के लिए तैयार है लेकिन सुरक्षा परिषद को उकसाने वाले कदमों पर प्रतिक्रिया देने के लिए भी तैयार रहना होगा।
 
मीडिया में आ रहीं खबरों के मुताबिक हाल ही में उत्तर कोरिया ने 'बेहद महत्वपूर्ण परीक्षण' किया है। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया यह संकेत देता रहा है कि वह ऐसे अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करेगा, जो अमेरिका पर हमला करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
 
पिछले दिनों ट्रंप और उन के बीच ट्विटर पर बहुत टकरावभरे बयान देखने को मिले थे जिसमें उत्तर कोरिया ने ट्रंप को ‘नासमझ और खुशामद पसंद' कहा था तो इसके जवाब में ट्रंप ने कहा था कि, 'किम जोंग उन अगर दुश्मनी दिखाएंगे तो उनके पास खोने के लिए बहुत कुछ है।'
 
एए/एनआर (रॉयटर्स)
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