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Last Modified: शनिवार, 20 जनवरी 2018 (12:49 IST)

क्या हिंदुओं को भी मिलती है तीर्थ सब्सिडी?

क्या हिंदुओं को भी मिलती है तीर्थ सब्सिडी? - hindu pilgrimage subsidy
भारत सरकार ने हज यात्रा के लिए मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर दी है। कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ऐसा किया जा रहा है। भारत में राज्य सरकारें हिंदुओं को भी कई तरह की तीर्थयात्राओं के लिए सब्सिडी देती हैं।
 
असम
वरिष्ठ नागरिकों के लिए कांग्रेस पार्टी ने 2004-05 में धर्मज्योति योजना शुरू की थी। इसमें 20 के समूह में जाने वाले यात्रियों को बस यात्रा का आधा खर्च दिया जाता है। इसके अलावा मौजूदा बीजेपी सरकार ने पुण्यधाम यात्रा 2017 में शुरू की जिसके तहत सरकार जगन्नाथ मंदिर, मथुरा, वृंदावन, अजमेर शरीफ और वैष्णो देवी की यात्रा का खर्च उठाती है।
 
दिल्ली
दिल्ली की कैबिनेट ने इसी हफ्ते मुख्यंत्री तीर्थ यात्रा योजना शुरू की है। इसके तहत हर विधानसभा सीट से 1100 वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थयात्रा कराई जाएगी जिसका पूरा खर्च सरकार देगी। यात्रा का लाभ सिर्फ उनको मिलेगा जिनकी वार्षिक कमाई 3 लाख रुपये से कम है। यात्रियों को 2 लाख के इंश्योरेंस के अलावा आने, जाने, ठहरने और भोजन का खर्च मिलेगा।
 
गुजरात
राज्य में 2001 से ही कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सब्सिडी योजना चल रही है। सिंधु दर्शन और श्रावण तीर्थदर्शन योजना इस साल से शुरू की गयी है। मानसरोवर के लिए 23 हजार रुपये की सब्सिडी मिलती है। सिंधु दर्शन के लिए 15,000 और श्रावण तीर्थ दर्शन के लिए 50 लोगों के समूह में जाने वाले यात्रियों को बस यात्रा का आधा खर्च मिलता है।
 
हरियाणा
मौजूदा सरकार 50 बुजुर्ग यात्रियों को सिंधु दर्शन यात्रा के लिए 10 हजार रुपये देती है। 50 दूसरे यात्रियों को मानसरोवर की यात्रा के लिए 50 हजार रुपये मिलते हैं।
 
मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत हर साल मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को इसका लाभ मिलता है। उन्हें बद्रीनाथ, केदारनाथ, जगन्नाथपुरी, द्वारका, वैष्णोदेवी, गया, हरिद्वार, शिर्डी, तिरुपति, अजमेर शरीफ, काशी, श्रावण बेलागोला और वेलांकन्नी चर्च की यात्रा के लिए सरकार मदद देती है। इसके अलावा तीर्थ के लिए विदेश जाने वालों को भी 30 हजार रुपये या फिर यात्रा का आधा खर्च सब्सिडी के रूप में दिया जाता है।
 
कर्नाटक
कर्नाटक के निवासियों को सरकार की तरफ से चार धाम यात्रा के लिए 20 हजार रुपये प्रति यात्री दिए जाते हैं। कांग्रेस पार्टी की सरकार ने यह योजना 2014 में शुरू की थी। इससे पहले बीजेपी सरकार ने मानरोवर यात्रा के लिए 30 हजार रुपये प्रति यात्री सब्सिडी शुरू की थी। 2017 में एक और सब्सिडी शुरू की गई जिसके तहत राज्य में तीर्थ पर जाने वाले सभी धर्मों के लोगों को खर्च का 25 फीसदी हिस्सा मिलता है।
 
राजस्थान
2013 में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए रेल से मुफ्त तीर्थयात्रा योजना शुरू की। पिछले साल बीजेपी सरकार ने इसका नाम बदल, इसमें विमान यात्रा को भी शामिल करा दिया। वर्तमान में 13 तीर्थस्थलों के लिए यह सुविधा दी जाती है। 2013 से लेकर अब तक 80 हजार से ज्यादा लोगों ने इस योजना का लाभ लिया है।
 
तमिलनाडु
तमिलनाडु में हिंदुओं को मानसरोवर और मुक्तिनाथ की यात्रा के लिए सब्सिडी दी जाती है। यहां येरुशलम की यात्रा पर जाने वाले ईसाई भी सब्सिडी पा सकते हैं। मानसरोवर और मुक्तिनाथ की सब्सिडी 2012 में शुरू की गई। इसके तहत मानसरोवर जाने वाले यात्रियों को 40 हजार और मुक्तिनाथ की यात्रा के लिए 10 हजार रुपये की सब्सिडी दी जाती है। येरुशलम जाने वालों को 20000 रुपये मिलते हैं।
 
उड़ीसा
2016 में सरकार ने वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना शुरू की जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा का पूरा खर्च दिया जाता है। सरकार ने इसके लिए पहले वर्ष में 5 करोड़ रुपये की रकम निर्धारित की थी।
 
उत्तर प्रदेश
भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने का बाद सब्सिडी दोगुनी कर दी गई। यहां कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वालों को अब एक लाख रुपये प्रति यात्री सरकार की तरफ से दिया जाएगा। इसके अलावा समाजवादी पार्टी की सरकार ने श्रावण यात्रा के लिए विशेष रेलगाड़ी की व्यवस्था की थी, जिसमें वरिष्ट नागरिक ही सफर कर सकते हैं।
 
उत्तराखंड
2014 में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने मेरे बुजुर्ग, मेरे तीर्थ नाम से योजना शुरू की जिसमें वरिष्ठ नागरिकों को राज्य के तीर्थस्थलों की यात्रा कराई जाती है। बीजेपी की सरकार आने के बाद इसका नाम बदल दिया गया। साथ ही पीरन कलियार दरगाह समेत कई और तीर्थ स्थानों को भी इसमें शामिल किया गया। राज्य का संस्कृति मंत्रालय कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वालों को इस साल से 30 हजार रूपये की सब्सिडी देगा।
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