ज्यादातर लोगों के लिए फिलहाल ऐसे स्मार्टफोन नहीं रखना ही अच्छा है जो ज्यादा तेज रफ्तार इंटरनेट वाले 5जी नेटवर्क के लिए तैयार नहीं हैं।
5जी स्मार्टफोन एक तो बहुत महंगे हैं, दूसरे इनका एंटेना और मोडेम ऐसा है जो केवल 5जी नेटवर्क के साथ ही काम करता है जिसका अधिकार अभी चुनिंदा मोबाइल नेटवर्क कंपनियों के पास ही है। ऐसे में अगर आप तेज इंटरनेट के चक्कर में 5जी फोन ले लेते हैं और कहीं यात्रा पर जाते हैं या फिर नेटवर्क बदलने की सोचते हैं, तो आपके पास कम विकल्प होंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि 5 जी नेटवर्क की दूसरी पीढ़ी के फोन जब अगले साल बाजार में आएंगे तब इन कमियों को दूर किया जाएगा। रिसर्च फर्म आईडीसी का कहना है कि 2019 एक शुरुआती साल है और अगले साल तक दुनिया भर में बेचे जा रहे फोन का सिर्फ 9 फीसदी ही 5जी फोन होगा। आईडीसी के मुताबिक 2023 तक यह हिस्सेदारी 28 फीसदी तक हो सकती है।
सैमसंग, मोटोरोला, एलजी और वन प्लस ने 5जी फोन बनाने शुरू कर दिए हैं जो गूगल के एंड्रॉयड सिस्टम पर काम करते हैं। बीते हफ्ते हुआवे ने भी 5जी फोन का एलान कर दिया हालांकि अमेरिकी प्रतिबंध के चलते गूगल के मशहूर ऐप इस कंपनी के फोन पर फिलहाल नहीं चल रहे।
सैमसंग का कहना है कि उसने अप्रैल से लेकर अब तक पूरी दुनिया में 20 लाख 5जी मोबाइल फोन बेचे हैं और उसे इस साल के आखिर तक यह संख्या दोगुनी होने की उम्मीद है। मोटोरोला ने भी कहा है कि उसने ग्राहकों में भारी उत्साह देखा है। हालांकि मोटोरोला का यह भी कहना है कि पहली पीढ़ी के उत्पाद आमतौर पर सिर्फ उन्हीं लोगों को पसंद आते हैं जो इस कतार में आगे खड़े होना चाहते हैं। बीते हफ्ते बाजार में उतरे आईफोन के नए मॉडल 5जी को सपोर्ट नहीं करते हैं। एप्पल इस तकनीक के थोड़ा विकसित होने तक इंतजार करना चाहती है।
5जी की कीमत
तेज रफ्तार इंटरनेट की तकनीक फोन की कीमत में कुछ सौ डॉलरों का इजाफा करा सकती है। उदाहरण के लिए सैमसंग के स्टैंडर्ड गैलेक्सी एस 10 फोन की कीमत 900 डॉलर है जबकि 5जी मॉडल की कीमत 1300 डॉलर। हालांकि सैमसंग का कहना है कि इस फोन में बेहतरीन फीचर मौजूद हैं जैसे कि बड़ा स्क्रीन और बेहतर कैमरा। मोटोरोला में भी मौजूदा जेड सीरिज के फोन की कीमत 350 डॉलर बढ़ जाती है अगर ग्राहक 5जी वाला विकल्प चुने। माना जा रहा है कि आने वाले समय में कीमतों का यह फासला कम होगा।
फोन कंपनियां नई तकनीक के बारे में बढ़ चढ़ कर दावे कर रही हैं लेकिन सच्चाई यह है कि फिलहाल यह मुट्ठी भर शहरों में ही उपलब्ध है। हालांकि 5जी फोन मौजूदा 4जी फोन से भी जुड़ सकती हैं। हालांकि विशेषज्ञ लोगों से यह पूछ रहे हैं कि क्या वो पैसा खर्च करने के बाद भी तब तक इंतजार करना पसंद करेंगे जब तक कि हर तरफ 5जी नेटवर्क ना पहुंच जाए।
क्या है 5जी तकनीक
5जी वास्तव में कई वायरलेस तकनीक का एक सेट है जो वायु तरंगों के अलग अलग हिस्सों का इस्तेमाल करता है। हरेक वायरलेस कैरियर एकल अलग तरह के 5जी पर जोर देता है और खास तौर के 5जी फोन बेचता है जो सिर्फ उसके नेटवर्क पर ही चलेंगे। वायरलेस नेटवर्कों में विभाजन करने का इतिहास रहा है हालांकि थोड़े ही वक्त में खुद ब खुद इसका हल भी हो जाता है।
वेरिजॉन और स्प्रिंट जिस वायरलेस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं उसका नाम है सीडीएमए। इसी तरह एटी एंड टी और टी मोबाइल एक दूसरे वर्जन का इस्तेमाल करते हैं जिसका नाम है जीएसएम। पहले फोन कंपनियां सीडीएमए और जीएसएम मॉडल बनाया करती थीं लेकिन तकनीक का विकास हुआ तो दोनों नेटवर्क के लिए जरूरी एंटेना एक ही फोन में डाल दिए गए।
इसी तरह मुमकिन है कि अगले साल तक 5जी की दोनों तकनीकों का भी आपस में विलय हो जाएगा। टी मोबाइल के सीईओ जॉन लेगेरे का तो कहना है कि कंपनी 5जी नेटवर्क के विस्तार को तब तक रोक कर रखेगी जब कि इसके साथ चलने वाले फोन इस साल के आखिर में बाजार तक पहुंचेंगे। टी मोबाइल का मौजूदा 5जी फोन केवल उसके मोबाइल नेटवर्क पर ही काम करता है। कंपनी स्प्रिंट का अधिग्रहण करने की प्रक्रिया में है। स्प्रिंट का कहना है कि पहली पीढ़ी के 5जी ग्राहकों में उनको फायदा हो रहा है जो कंपनी के 5जी बाजारों में या तो रहते हैं या ज्यादा से ज्यादा समय बिताते हैं।
इंतजार करना ठीक है या नहीं
अगर आप अपने मौजूदा फोन के साथ एक या दो साल और बिता सकते हैं तो आपके पास 5जी फोन में से चुनने के लिए आईफोन समेत बहुत सारे विकल्प होंगे। हालांकि अगर आप इंतजार नहीं कर सकते तो फिलहाल मौजूद फोन खरीद सकते हैं लेकिन इसे आपको एक-दो साल बाद बदलना होगा। भले ही आप 4जी नेटवर्क ही क्यों ना चुनें।
विशेषज्ञों का कहना है कि इसके बाद भी इंटरनेट की रफ्तार में झटके लगेंगे क्योंकि फोन कंपनियां नए उपकरण लगाएंगी। आईडीसी को उम्मीद है कि 4जी वाले फोन में अच्छी डील आ सकती है ताकि 5जी फोन के लिए दुकानों के शेल्फ खाली कराए जाएं।
एनआर/एमजे (एपी)