बाजारों के नहीं खुलने से घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित, सरकारी दफ्तरों में रही हाजिरी
जम्मू। बाजारों के नहीं खुलने और सड़कों से सार्वजनिक वाहनों के नदारद रहने से गुरुवार को लगातार 25वें दिन भी कश्मीर घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार शहर के कई भागों में हालांकि कुछ निजी गाड़ियां दौड़ती नजर आईं और कुछ रेहड़ी पटरी वाले भी अपने काम-धंधे में मशगूल दिखाई दिए। सरकारी कार्यालय खुले जरूर, लेकिन लोक वाहनों की कमी के चलते उपस्थिति कम रही तथा दूसरी ओर जिला मुख्यालयों में हाजिरी सामान्य रही।
घाटी के कई हिस्सों में लैंडलाइन टेलीफोन सेवाएं तो बहाल कर दी गई हैं लेकिन मोबाइल टेलीफोन सेवाएं और सभी इंटरनेट सेवाएं अभी बंद ही रखी जाएंगी, क्योंकि इसका दुरुपयोग होने का अंदेशा है। ये सेवाएं युवाओं को बरगलाने तथा आतंकियों और पाकिस्तान के लिए ज्यादा उपयोगी रहती हैं तथा ये अभी कुछ और समय और स्थगित रहेंगी।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि इंटरनेट सबसे खतरनाक औजार है और इसका इस्तेमाल आतंकवादी और पाकिस्तानी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में करते हैं। यह माध्यम हमारे लिए थोड़ा उपयोगी तथा आतंकवादियों और पाकिस्तानियों के लिए अधिक उपयोगी है। इसका इस्तेमाल भीड़ जुटाने और बरगलाने के लिए भी किया जाता है। ये सेवाएं 5 अगस्त से ही बंद हैं।
(सांकेतिक चित्र)