रानू मंडल : रानाघाट रेलवे स्टेशन से इंटरनेट सेंसेशन बनने तक का सफर
वक्त से लड़कर अपना नसीब बदल दे/
इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे।
कल क्या होगा उसकी कभी ना सोचो/क्या पता कल वक्त, खुद अपनी लकीर बदल दे...।
ये पक्तियां तब सार्थक हो जाती हैं, जब हम रानू मंडल जैसे लोगों के बारे में सुनते हैं। कहते हैं कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती। ऐसा ही कुछ हुआ रानू मंडल के साथ। अपनी सुरीली आवाज के दम पर उन्होंने अपनी अलग जगह बनाई और आज वे ऐसी जगह मौजूद हैं, जहां तक पहूंचना उन लोगों का सपना ही होता है, जो संगीत की दुनिया में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं।
रानू मंडल रेलवे स्टेशन पर गाना गाया करती थीं। उनका यह गीत 'एक प्यार का नगमा है...' इंटरनेट पर कुछ ऐसा वायरल हुआ कि रातोरात वे इंटरनेट सेंसेशन बन गईं और आज हर कोई शख्स रानू मंडल की स्टोरी जानना चाहता है।
तो आइए जानते हैं कि आखिर रानू मंडल कौन हैं?
रानू मंडल रेलवे स्टेशन पर बैठकर भीख मांगा करती थीं। लेकिन देखिए न कि वक्त भी कितना बलवान होता है कि जो एक समय स्टेशन पर गाना गाते हुए भीख मांगा करती थीं, आज वे संगीत की दुनिया में छाई हुई हैं। और हो भी क्यों न, उनकी मनमोहक आवाज ने आज उन्हें वहां तक जो पहुंचाया है।
रानू मंडल हिमेश रेशमिया की फिल्म 'हैप्पी हार्डी एंड हीर' के गाने 'तेरी-मेरी कहानी' से बॉलीवुड में प्लेबैक सिंगर के तौर पर डेब्यू कर चुकी हैं।
रानू मंडल पश्चिम बंगाल के रानाघाट की रहने वाली हैं और वे रानाघाट रेलवे स्टेशन पर गाना गाया करती थीं। लेकिन रेलवे स्टेशन से बॉलीवुड का सफर आखिर रानू मंडल ने कैसे तय किया? रानू मंडल कई सालों से स्टेशन पर बैठकर गाना गाया करतीं और भीख मांगा करती थीं।
एक दिन अतीन्द्र चक्रवर्ती नाम के शख्स ने उनका गाना सुना और वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। फिर क्या था? हुनर को तो सिर्फ एक मौका होना चाहिए, जो रानू मंडल को मिल चुका था...। इसके बाद रानू को हर कोई जानना चाहता था और उनकी आवाज को सुनना चाहता था।
रानू मंडल की शख्सियत से एक बात तो जरूर सीखने को मिलती है कि अगर आपके अंदर हुनर है तो आपको आपकी मंजिल यकीनन मिल ही जाती है।
प्रस्तुति : नेहा रेड्डी