इस साल के शुरू में ब्रिसबेन के गाबा में ऑस्ट्रेलिया का विजय अभियान थामने के बाद भारत ने सुपरस्पोर्ट पार्क पर दक्षिण अफ्रीका का विजय रथ रोककर 2021 का अंत किया। दक्षिण अफ्रीका ने इससे पहले 2014 से लेकर सुपरस्पोर्ट पार्क में लगातार सात जीत दर्ज की थी।
भारत की यह सेंचुरियन में पहली और दक्षिण अफ्रीकी धरती पर टेस्ट मैचों में चौथी जीत है लेकिन इससे उसने इस देश में पहली बार टेस्ट श्रृंखला जीतने की तरफ मजबूत कदम बढ़ा दिये हैं। श्रृंखला का दूसरा मैच तीन जनवरी से जोहानिसबर्ग में खेला जाएगा जहां भारत दो मैच जीत चुका है।
लेकिन भारतीय टीम को देखे तो पूरे साल टेस्ट क्रिकेट में नई इबारत लिखी है। चाहे घर हो या फिर विदेश टीम इंडिया कहीं भी कम नहीं पड़ी। इस साल शुरुआत में भारत ऑस्ट्रेलिया में था, मध्य में इंग्लैंड और अंत में दक्षिण अफ्रीका लेकिन लाल गेंद की क्रिकेट में टीम ने अपनी धाक जमाई।
जनवरी में 32 साल बाद गाबा में ऑस्ट्रेलिया को दी पटखनीयुवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल (91), टीम इंडिया की दीवार चेतेश्वर पुजारा (56) और प्रतिभाशाली विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत (नाबाद 89) की करिश्माई बल्लेबाजी से भारत ने ब्रिस्बेन के गाबा मैदान में ऑस्ट्रेलिया को चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के पांचवें को 3 विकेट से हराकर नया इतिहास रच दिया। भारत ने पहली बार ब्रिस्बेन में टेस्ट जीत हासिल की और 4 मैचों की सीरीज को 2-1 से जीत लिया।
भारत को इस मुकाबले को जीतने के लिए 328 रन का लक्ष्य मिला था। भारत 19 जनवरी की सुबह जब बिना कोई विकेट खोए 4 रन से अपनी पारी को आगे बढ़ाया तो किसी को उम्मीद नहीं थी कि भारत चौथी पारी में इतने मुश्किल लक्ष्य को हासिल कर लेगा। भारतीय बल्लेबाजों ने आखिर में करिश्मा कर दिखाया जिसका करोड़ों देशवासियों को इंतजार था। भारत ने 97 ओवर में 7 विकेट पर 329 रन बनाकर ऐतिसाहिक जीत दर्ज की थी।
यह जीत इस लिए भी खास थी क्योंकि दिसंबर 2020 में भारत पहले दिन रात्रि के टेस्ट मैच में 36 रनों पर ऑल आउट हो गया था। इस मैच के बाद विराट कोहली भी पितृत्व अवकाश पर चले गए थे। बावजूद इसके भारत 2-1 से सीरीज जीतने में सफल रहा था।
32 सालों से ऑस्ट्रेलिया टीम इस मैदान पर टेस्ट में अविजित थी। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया इस मैदान पर सिर्फ वेस्टइंडीज से हारी थी।
इंग्लैंड को 3-1 से हरायाऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराने के बाद भारतीय टीम की नजर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में क्वालिफाय करने की थी। हालांकि पहला ही टेस्ट भारत इंग्लैंड से 200 से ज्यादा रनों के अंतर से हार गया।
लेकिन अगले 3 टेस्ट में अश्विन और अक्षर की घूमती गेंदो का इंग्लैंड के पास कोई जवाब नहीं था। यह सीरीज भारत 4-1 से जीत गया और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में उसने जग बनाई।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में न्यूजीलैंड ने दी मातअगर यह फाइनल भारत जीत जाती तो आज सोने पर सुहागा होता। साल भर भारत ने टेस्ट क्रिकेट में दम दिखाया लेकिन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों 8 विकेट से हार मिली।
साउथम्प्टन के एजेस बॉउल मैदान पर न्यूजीलैंड ने भारत को हराकर पहला टेस्ट चैंपियनशिप खिताब अपने नाम करते हुए इतिहास रच दिया। फाइनल में न्यूजीलैंड के सामने 55 ओवर के खेल में 139 रनों का लक्ष्य था, जिसे टीम ने केवल दो विकेट खोकर हासिल कर लिया।
इंग्लैंड पर उसके घर में ही बनाई बढ़तविश्व टेस्ट चैंपियनशिप की उपविजेता भारत ने इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ 4 अगस्त से टेस्ट सीरीज की शुरुआत की। पहले टेस्ट में इंग्लैंड को बारिश ने बचा लिया लेकिन इसके बाद लॉर्ड्स टेस्ट में भारत ने एतिहासिक जीत दर्ज की।
अगले टेस्ट में भारत को पारी की हार का सामना करना पड़ा। लेकिन जैसे ही भारत लंदन के शहर वापस पहुंची ओवल में फिर टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों ने जलवा दिखाया। भारत ने चौथा मैच जीतकर सीरीज में 2-1 से बढ़त बनाई।
इस सीरीज का पांचवा मैच अगले साल इंग्लैंड में ही होगा क्योंकि कोरोना वायरस के कारण यह मैच खेला नहीं जा सका था। इस मैच के बाद सीरीज का नतीजा तय होगा।
न्यूजीलैंड से 1-0 से जीती सीरीजविश्व टेस्ट चैंपियन न्यूजीलैंड से भारत ने दिसंबर में 1-0 से सीरीज अपने नाम कर ली। कानपुर टेस्ट में भारत जीत के बेहद करीब था लेकिन न्यूजीलैंड के पुछल्ले बल्लेबाजों ने भारत को अंतिम ओवर तक आखिरी विकेट नहीं दिया।
हालांकि मुंबई टेस्ट में भारत ने न्यूजीलैंड को 62 रनों पर ऑल आउट कर यह सुनिश्चित किया कि यह सीरीज भारत के कब्जे में हो और विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल की हार का दर्द भी कम हो।