पूर्व कप्तान रोहित शर्मा ने 13 नवंबर 2014 को श्रीलंका के खिलाफ 173 गेंद में 33 चौकों और 9 छक्कों की मदद से 264 की पारी खेलकर विश्व रिकॉर्ड बनाया जो आज भी उनके ही नाम है।मुंबई के इस बल्लेबाज की धांसू पारी से भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पांच विकेट पर 404 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया।
हालांकि बाईस बरस पहले ऑस्ट्रेलिया को आखिरी किला फतेह करने से रोकने वाली टेस्ट जीत हो या 1996 वनडे विश्व कप सेमीफाइनल में श्रीलंका के सामने भारतीय बल्लेबाजी के पतन के बाद दर्शकों का उपद्रव या फिर रोहित शर्मा का वनडे में रिकॉर्ड दोहरा शतक, कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डंस ने सब कुछ देखा है।
फुटबॉल की दीवानगी, मोहन बागान और ईस्ट बंगाल जैसे फुटबॉल क्लबों की पारंपरिक प्रतिद्वंद्विता के बीच क्रिकेट का खुमार भी City of Joy के सिर चढकर बोलता है। अब चाहे इसका श्रेय भारतीय क्रिकेट में कामयाबी का नया अध्याय लिखने वाले प्रिंस आफ कोलकाता सौरव गांगुली की चमत्कारिक कप्तानी को जाता हो या बड़े मैचों की मेजबानी के इस शहर के सौभाग्य को।
हुगली नदी पर बाबू घाट और फोर्ट विलियम के बीच 1864 में बने इस मैदान पर पहला टेस्ट 1934 में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया। पहला वनडे 1987 में भारत और पाकिस्तान के बीच तथा पहला टी20 2011 में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया।
ऑस्ट्रेलिया ने पहला विश्वकप जीतापहली बार इंग्लैंड से बाहर जब विश्व कप का आयोजन भारत और पाकिस्तान की मेजबानी में हुआ तो इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच आठ नवंबर 1987 को फाइनल इसी ईडन गार्डंस पर खेला गया। पांच बार की चैम्पियन
ऑस्ट्रेलिया की विश्व क्रिकेट में बादशाहत की नींव इसी मैदान पर पड़ी जब उसने इंग्लैंड को सात रन से हराया। फाइनल में भारत के नहीं होने के बावजूद करीब एक लाख लोग मैच देखने जुटे थे और इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज माइक गैटिंग ने तो यहां तक कहा कि मैदान में इतने दर्शक उन्होने कभी नहीं देखे।
सेमीफाइनल में भारत की श्रीलंका से शर्मसार हारइसके बाद भारत और श्रीलंका के बीच 1996 विश्व कप सेमीफाइनल में ईडन गार्डंस पर भारतीय क्रिकेट का एक काला अध्याय भी लिखा गया । खेलों के लिये अपनी दीवानगी के लिये मशहूर कोलकाता के दर्शक श्रीलंका के आठ विकेट पर 251 रन के जवाब में भारत का आठवां विकेट (आशीष कपूर ) 120 रन पर गिरने के बाद हिंसक हो गए। मैदान पर कागज की मिसाइलें बनाकर फेंकी गई, दर्शक दीर्घा में छिटपुट आग भी लगी और ईडन मानों रणक्षेत्र बन गया।
मैच कुछ देर रोकने के बाद फिर शुरू हुआ तो फील्डरों पर बोतलें फेंकी गई। नतीजतन मैच रद्द करना पड़ा और श्रीलंका को विजयी घोषित किया गया। सचिन तेंदुलकर और अनिल कुंबले जैसे महान खिलाड़ियों की मौजूदगी में कोलकाता के दर्शकों ने भारतीय क्रिकेट को इस कदर शर्मसार किया कि दाग धुलने में बरसों लगे।
फिर 2011 विश्व कप में भारत और इंग्लैंड के बीच अहम मैच की मेजबानी ईडन से लेकर बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम को दे दी गई। कारण ईडन पर निर्माण कार्य समय रहते पूरा नहीं हो पाना था।
बीस एकड़ में फैले भारत के सबसे पुराने ऐतिहासिक मैदान को 2011 विश्व कप में जिम्बाब्वे बनाम कीनिया, दक्षिण अफ्रीका बनाम आयरलैंड और नीदरलैंड बनाम आयरलैंड जैसे ग्रुप मैच मिले। नॉकआउट चरण , क्वार्टर फाइनल , सेमीफाइनल या फाइनल कुछ नहीं। भारत के लिये 2011 विश्व कप यादगार रहा लेकिन ईडन गार्डंस सुनहरी यादों का साक्षी बनने से वंचित रह गया।
भारत को 1983 विश्व कप दिलाने वाले कपिल देव को 1984 में इंग्लैंड के खिलाफ कोलकाता टेस्ट से बाहर किये जाने पर यहां सुनील गावस्कर को दर्शकों का कोपभाजन बनना पड़ा और नो कपिल नो टेस्ट के नारे लगे।
इसी मैदान पर 2001 के ऐतिहासिक टेस्ट में 281 रन की पारी खेलने वाले वीवीएस लक्ष्मण को ऑस्ट्रेलिया ने वैरी वैरी स्पेशल लक्ष्मण कहा तो आफ स्पिनर हरभजन सिंह को टरबनेटर की उपाधि मिली। लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ के बीच 376 रन की साझेदारी के दम पर भारत ने स्टीव वॉ को आखिरी किला फतह करने से रोकते हुए टेस्ट जीता।