Last Modified: नई दिल्ली ,
बुधवार, 27 फ़रवरी 2013 (14:47 IST)
आर्थिक समीक्षा : घाटा कम करने पर जोर
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नई दिल्ली। संसद में बुधवार को पेश अर्थिक समीक्षा में अगले वित्त वर्ष की बेहतर तस्वीर पेश करते हुए कहा गया है कि राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर आगे बढ़ते रहने से 2013-14 में 6.1 से लेकर 6.7 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल होने की उम्मीद है।
वित्त मंत्री पी. चिदंबरम द्वारा लोकसभा में आज पेश वर्ष 2012-13 की आर्थिक समीक्षा में हालांकि चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि के केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन के अग्रिम अनुमान 5 प्रतिशत में कोई फेरबदल नहीं किया गया है।
समीक्षा में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में विदेशी और घरेलू दोनों ही मोर्चों पर स्थिति बिगड़ने से आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2011-12 में जहां 6.2 प्रतिशत रही वहीं 2012-13 में इसके 5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वित्त मंत्रालय ने इससे पहले सीएसओ के 5 प्रतिशत के अनुमान पर आपत्ति दर्ज की थी और चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि 5.5 प्रतिशत अथवा इससे उपर रहने की उम्मीद जताई थी, लेकिन संसद में पेश समीक्षा में इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
इसमें कहा गया है कि वर्ष 2008-09 में वैश्विक वित्तीय संकट की मंदी का सामना करने के लिए जो मौद्रिक और प्रोत्साहन उपाय किए गए थे उनके परिणामस्वरुप वर्ष 2009-10 में 8.6 प्रतिशत और 2010-11 में 9.3 प्रतिशत की उच्च आर्थिक वृद्धि हासिल की गई।
समीक्षा में उम्मीद जताई गई है कि 2013 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। सरकार द्वारा उठाये गये तमाम उपायों से भारतीय अर्थव्यवस्था का दृष्टिकोण बेहतर होगा। मौजूदा आर्थिक सुस्ती के लिए बाहरी कारण तो बड़ी वजह रहे ही हैं घरेलू कारण भी काफी महत्वपूर्ण रहे हैं।
वर्ष 2012-13 में सेवा क्षेत्र की वृद्धि 6.6 प्रतिशत रह गई जबकि इससे पहले लगातार छह सालों में यह दहाई अंक से उपर रही। (भाषा)