बड़ी खबर, अब चीनी लाइटों को टक्कर देंगे गोबर से बने दीये
नई दिल्ली। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग अगले महीने दिवाली के दौरान चीनी उत्पादों का मुकाबला करने के लिए, गाय के गोबर से बने 33 करोड़ पर्यावरण अनुकूल दीये के उत्पादन करने का लक्ष्य तय कर रहा है।
देश में स्वदेशी मवेशियों के संवर्धन और संरक्षण के लिए 2019 में स्थापित किए गए इस आयोग ने आगामी त्योहार के दौरान गोबर आधारित उत्पादों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक देशव्यापी अभियान शुरू किया है।
15 से अधिक राज्य अभियान का हिस्सा : आयोग के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया ने
कहा कि चीन निर्मित दीया को खारिज करने का अभियान प्रधानमंत्री के स्वदेशी संकल्पना और
स्वदेशी आंदोलन को बढ़ावा देगा। 15 से अधिक राज्य, इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए सहमत हुए हैं।
3 लाख दियों से रोशन होगी अयोध्या : उन्होंने कहा कि लगभग 3 लाख दीए पावन नगरी अयोध्या में जलाए जाएंगे, जबकि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक लाख दीये जलाए जाएंगे। विनिर्माण का काम शुरू हो गया है। हमने दिवाली से पहले 33 करोड़ दीयों को बनाने का लक्ष्य तय किया है।
वर्तमान में भारत में प्रतिदिन लगभग 192 करोड़ किलो गोबर का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि गोबर आधारित उत्पादों की विशाल संभावनाएं मौजूद हैं।
इन उत्पादनों को भी बढ़ावा : दीयों के अलावा, आएग गोबर, गौमूत्र और दूध से बने अन्य उत्पादों जैसे कि एंटी-रेडिएशन चिप, पेपर वेट, गणेश और लक्ष्मी की मूर्तियों, अगरबत्ती, मोमबत्तियों और अन्य चीजों के उत्पादन को बढ़ावा दे रहे हैं।
कथीरिया ने कहा कि इस पहल से गाय आश्रयों (गौशालाओं) को मदद मिलेगी, जो वर्तमान में कोविड-19 महामारी के कारण वित्तीय मुसीबत में हैं। (भाषा)