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Last Modified: बुधवार, 19 फ़रवरी 2020 (14:50 IST)

लाल किताब अनुसार कालसर्प दोष, 5 प्रभाव, 5 कारण और 5 निवारण

kaal sarp dosh nivaran at home
लाल किताब के अनुसार कालसर्प दोष कुछ नहीं, यह राहु का दोष है। सोचिए, कालसर्प दोष होता किस कारण है? दरअसल, इस योग या दोष के लिए राहु जिम्मेदार होता है। लाल किताब के अनुसार राहु बद और राहु नेक होता है। यदि राहु बद है और वह किसी भी खाने में बैठा है तो उसका बुरा असर होगा।

 
5 कारण:-
1. बुरे कर्म करना जिससे भाग्य भी खराब हो जाता है।
2. राहु नीच का होकर बैठा है तो यह सबसे बड़ा कारण है।
3. घर का शौचायल और सीढ़ियां खराब हो तो बुरा प्रभाव प्रारंभ होता है।
4. घर की दहलीज का दब जाना, खराब हो जाना।
5. ससुराल पक्ष से संबंध खराब करना, कटु वचन बोलना, शराब पीना या नास्तिकता का कार्य करना।

 
5 प्रभाव:-
1. जीवन में अचानक घटना और दुर्घटना के योग बनेंगे। राहु की परेशानी अचानक बिजली की तरह आती है और उसी तरह चली भी जाती है। मात्र एक क्षण में बिजली चमकती है और नीचे गिर जाती है। उतनी देर में जो नुकसान होना था, हो गया।

 
2. राहु की सबसे बड़ी जो रुकावट बृहस्पति के लिए होती है और बृहस्पति हमारी किस्मत है। कई बार हमारी किस्मत में जो परमात्मा ने लिखकर भेजा है, उसमें राहु की रुकावट आ जाती है या राहु का ग्रहण लग जाता है। यह ग्रहण कई बार हम अपने कर्मों से लगा लेते हैं और कई दफे यह हमारे ग्रहों के फेर से भी हो जाता है।

 
3. काला जादू, तंत्र, टोना आदि राहु ग्रह अपने प्रभाव से करवाता है। भयभीत करने वाले स्वप्न आना या चमककर उठ जाना भी राहु के बुरे प्रभाव के लक्षण माने गए हैं। रात को नींद न आना। रात को सपने ही सपने ही आना।

 
4. यदि अचानक शरीर अकड़ने लगे या दिमाग अनावश्यक तनाव से घिर जाए और चारों तरफ अशांति ही नजर आने लगे, घबराहट जैसा होने लगे तो इन सभी का कारण भी राहु है। वैराग्य भाव या मानसिक विक्षिप्तता भी राहु के कारण ही जन्म लेते हैं। अतीत का रोना रोते रहना और भविष्य की कल्पना कर खयालीपुलाव पकाना। अनावश्यक आशंका, कुशंका, डर और बेचैनी का बना रहना। किसी पर भी विश्वास नहीं करना आदि।

 
5. बेकार के दुश्मन पैदा होना, बेईमान या धोखेबाज बन जाना, मद्यपान करना, अतिसंभोग करना या सिर में चोट लग जाना- ये सभी राहु के अशुभ होने की निशानी हैं। ऐसे व्यक्ति की तरक्की की शर्त नहीं।  पेट के बल सोने की आदत। दिमाग में विचार या निर्णयों का बार-बार बदलते रहना। पानी, आग और ऊंचाई से ज्यादा डरना।

 
5 उपाय:-
1. खाना रसोईघर में बैठकर खाएं।
2. दीवार, टॉयलेट व बाथरूम को साफछक रखें।
3. धर्मस्थान की सीढ़ियों पर 10 दिन तक पोंछा लगाएं।
4. माथे पर चंदन का तिलक लगाएं और घर में ठोस चांदी का हाथी रखें।
5. मंगल या गुरु का उपाय करें या प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
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