...तो लखीमपुर कांड में लंबे नप जाएंगे मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा
लखनऊ। लखीमपुर खीरी में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत के मामले में यूं केन्द्र और उत्तर प्रदेश दोनों की ही भाजपा सरकार पर निशाने पर है। लेकिन, सबसे ज्यादा यदि कोई इस मामले में निशाने पर है तो केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनका पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू।
आशीष मिश्रा पर किसानों को कुचलने के साथ ही गोली चलाने का भी आरोप है। हालांकि अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन एफआईआर में जिस तरह की धाराएं लगाई गई हैं, उससे आशीष मिश्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आशीष मिश्रा मोनू के नाम से नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, जबकि 15-20 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज कराया गया है। फिलहाल मोनू की गिरफ्तारी भी नहीं हुई है।
आशीष के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 304-ए (लापरवाही से मृत्यु कारित करना), 147 (उपद्रव), 148, 149, 279, 338, 120-बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। सब धाराओं में अलग-अलग सजाओं का प्रावधान है, लेकिन धारा 302 के तहत दोषी साबित होने की स्थिति में दोषी व्यक्ति को उम्रकैद से लेकर फांसी की सजा तक सुनाई जा सकती है। हालांकि यह शुरुआती मामला है। किसी भी आरोपी को दोषी साबित होने और सजा तक पहुंचने की बहुत लंबी प्रक्रिया है।
क्या लिखा है एफआईआर में : तिकुनिया थाने में 3 अक्टूबर को दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी एवं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाने के लिए क्षेत्र के किसान मजदूर महाराज अग्रसेन इंटर कॉलेज में एकत्रित हुए थे। तभी 3 बजे के लगभग आशीष मिश्रा हथियारबंद 15-20 अज्ञात लोगों के साथ वाहन में तीव्र गति से आए और और फायरिंग करते हुए वहां मौजूद भीड़ को रौंदते हुए आगे निकल गए। फायरिंग में गुरविंदर सिंह नामक किसान की मौत हो गई।