प्लेन में सफर से हो सकते हैं फेफड़े खराब
क्या आपको पता है कि हवाई जहाज में सफर करते हुए डीजल एक्जॉस्ट पार्टिकल यानी डीजल से निकलने वाले छोटे-छोटे कण विमान के अंदर बैठे लोगों के फेफड़ें खराब कर सकते हैं। जी हाँ, वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया है कि यह खतरनाक नैनोपार्टिकल मनुष्य के फेफड़ों को क्षतिग्रस्त कर देते हैं। इस नई खोज से हवाई जहाज से संबंधित कुछ अन्य बीमारियों के इलाज का रास्ता भी खुल सकता है। ड्यूक यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने अपने ताजा अध्ययन में यह खोज की है और इसका संबंध प्रदूषण से जोड़ा है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि डीजल से निकलने वाले छोटे-छोटे कण एक जालनुमा संरचना बन सकते हैं जो वायुमंडल में तैरते रहते हैं। इन कणों में आमतौर पर कार्बन के कण और भारी धातु होती हैं जो शहरी धूल से निकले हुए होते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि इन कणों से बनी संरचना म्यूकस का रूप धारण कर लेती है। ये म्यूकस हवाई जहाज से चिपक कर एक परत बना लेते हैं। जब ये कण हवाई जहाज में बैठे व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो उनके फेफड़ों को नुकसान पहुँचाता है। हालाँकि वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में यह भी पाया कि ये कण उन लोगों को प्रभावित कर पाते हैं जिनके जीन में एक मामूली अंतर पाया जाता है। कुछ लोगों में डीएनए की संरचना में सिर्फ एक अक्षर का फर्क आ जाता है। इसे वैज्ञानिक भाषा में डीएनए का टीआरपीवी4 वर्जन कहते हैं। ऐसे जीन के वर्जन वाले लोगों में डीजल से निकलने वाले नैनोपार्टिकल का असर खतरनाक हो सकता है।