• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कहानी
  4. teachers day kids story
Written By

शिक्षक दिवस पर प्रेरक कहानी : शब्दों का प्रभाव

शिक्षक दिवस पर प्रेरक कहानी : शब्दों का प्रभाव। teachers day kids story - teachers day kids story
राजा भद्रसिंह प्रजापालक एवं न्यायप्रिय थे। नैतिक और जीवन मूल्यों के प्रति बहुत जागरूक थे किंतु उनका पुत्र महाउत्पाति, विद्रोही, उदंड एवं निर्दयी था। वह प्रतिदिन नए-नए उपद्रवों से लोगों को पीड़ित किए रखता था। 
 
राजपुत्र होने के कारण उसकी शिकायत करने की हिम्मत कोई नहीं कर पाता था। इसका फायदा उठाकर वह निरंकुश होता गया, लेकिन राजा तक यह बात पहुंच ही गई। 
 
राजा ने उसे सुधारने के अनेक उपाय किए। शिक्षाशास्त्री, तर्कशास्त्री एवं मनोचिकित्सक कोई भी उसे सुधार न सका। उसके उत्पीड़न से लोग त्राहि-त्राहि करने लगे। राजा बहुत चिंतित हो चुके थे। उनकी समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि क्या करें।
 
सौभाग्य से कुछ दिन बाद औषधाचार्य नामक एक ऋषि वहां आ गए। राजा की समस्या को सुनकर राजपुत्र को रास्ते पर लाने का उन्होंने भरसक प्रयास किया किंतु परिणाम कुछ नहीं निकला।
 
एक दिन औषधाचार्य ऋषि उस उदंड राजपुत्र के साथ उद्यान में भ्रमण कर थे, तभी उस बालक ने एक नन्हे पौधे से पत्तियां तोड़कर मुंह में डालकर चबानी शुरू कर दी। पत्तियां बहुत कड़वी थीं। क्रोध में आकर उसने पौधे को जड़ से उखाड़कर फेंक दिया। इस हरकत से ऋषि बहुत नाराज हुए और उसे डांटने लगे। 
 
उदंड बालक बोला कि इसकी पत्तियों ने मेरा सारा मुख कड़वा कर दिया है। इसीलिए मैंने इसे जड़ से उखाड़कर फेंक दिया।
 
गंभीर भाव से ऋषि बोले- बेटा ध्यान रखो, यह तो औषधि का एक वृक्ष है। इसके पत्तों के अर्क से बनने वाली औषधि अनेक असाध्य रोगों को दूर करती है, इसीलिए राजोद्यान में इसे लगाया गया है। अजीर्ण आदि पेट के रोगों के लिए इसका सेवन बहुत लाभप्रद होता है, जो छोटे-छोटे बालकों के स्वास्थ्य को बचाने का माध्यम बनती है। 
 
ऐसी अमूल्य औषधि का तुम अपनी नासमझ बुद्धि से नाश करने में लगे हो, तुम्हें लज्जा आनी चाहिए। इसकी कड़वाहट तुम्हें पसंद नहीं आई लेकिन तुमने अपने कड़वे स्वभाव के बारे में कभी सोचा? तुम्हारे अनैतिक एवं उद्दंड स्वभाव की कड़वाहट से लोगों का कितना अहित हो रहा है, इसका तुम्हें पता है? तुम्हारे पिता का प्रजा में अपयश हो रहा है। 
 
ऋषि के वचन उस उदंड बालक के हृदय को छू गए। उसी क्षण से उसके जीवन की दिशा बदल गई। अब वह अपने नीतिवान पिता का वास्तविक उत्तराधिकारी बनने लायक हो गया।
ये भी पढ़ें
शिक्षक दिवस पर जानें, दुनिया की सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के बारे में...